iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय है और एक सप्ताह तक वहां इसकी सक्रियता बरकरार रहने की उम्मीद है। इससे इन प्रांतों में धान की रोपाई की रफ्तार बढ़ने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि जून-जुलाई के दौरान इस संभाग में बारिश का भारी अभाव रहा था मगर अब बिहार सहित अन्य निकटवर्ती राज्यों में अच्छी वर्षा होने लगी है।
मौसम विभाग के अनुसार देश के कुल 36 मौसम उप संभागों में से केवल 6 संभाग में अब सामान्य से कम बारिश हुई है। इसमें से पांच संभाग पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवस्थित है। जहां अभी मानसून सक्रिय है।
एक गहरे डिप्रेशन के प्रभाव से वहां अच्छी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार यह डिप्रेशन झारखंड एवं समीपवर्ती उत्तरी छत्तीसगढ़ में आगे बढ़ गया है और अब आम्बिकापुर से करीब 40 कि०मी० उत्तर-पश्चिमोत्तर दिशा में तथा सीधी (पूर्वी मध्य प्रदेश) से 190 कि०मी० पूर्व-दक्षिण दिशा में अवस्थित है।
मौसम विभाग के मुताबिक चालू मानसून सीजन के दौरान अभी तक सामान्य औसत के मुकाबले बिहार में 45 प्रतिशत, झारखंड में 36 प्रतिशत, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 33 प्रतिशत तथा बंगाल में मैदानी भाग में 29 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
उम्मीद की जा रही है कि यदि एक सप्ताह तक वहां मानसून सक्रिय रहा तो वर्षा की कमी का संकट काफी हद तक दूर हो जाएगा। इसी तरह मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा एवं नागालैंड में 32 प्रतिशत कम वर्षा हुई है जबकि केरल में बारिश की कमी 37 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहां मानसूनी बारिश के लिए अभी कुछ और समय तक इंतजार करना पड़ सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी छत्तीसगढ़ में अवस्थित डिप्रेशन आगे बढ़कर पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश एवं दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक पहुंच सकता है और वहां यह कमजोर पड़ने लगेगा।
लेकिन बंगाल की खाड़ी के शीर्ष भाग में एक कम दाब का क्षेत्र सक्रिय हो सकता है जिससे पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्षा का एक नया दौर आरंभ हो सकता है।
पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से प्रचंड बारिश होने की संभावना है जबकि राज्य के पश्चिमी भाग में भी भारी वर्षा हो सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 9-10 दिन तक मानसून की सक्रियता बरकरार रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।