iGrain India - नई दिल्ली । वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अगस्त के आरंभ में चावल का सरकारी स्टॉक नियत लक्ष्य से करीब तीन गुणा ज्यादा था जबकि अक्टूबर 2023 से खरीफ कालीन चावल के नए माल की आपूर्ति आरंभ हो जाएगी।
इससे घरेलू प्रभाग में चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति काफी हद तक सुगम हो सकती है और सरकार को चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध में कुछ राहत-रियायत देने का अवसर मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक तथा दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। गत 20 जुलाई को भारत सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। इसके फलस्वरूप वैश्विक बाजार में चावल का भाव उछलकर पिछले अनेक वर्षों के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास 1 अगस्त 2023 को कुल 376 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद था जिसमें धान की मात्रा भी शामिल थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चावल के मामले में सरकार काफी अच्छी स्थिति में है और घरेलू मांग तथा जरूरत को पूरा करने में उसे कोई कठिनाई नहीं होगी।
2022-23 के मार्केटिंग सीजन का अंतिम चरण चल रहा है। धान की रोपाई जोर शोर से हो रही है और दो महीने में फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो जाएगी जिससे चावल की आपूर्ति भी बढ़ने लगेगी। सरकार के पास पहले से ही चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है इसलिए इस मामले में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
1 अगस्त 2023 को सरकार के पास 246 लाख टन शुद्ध चावल तथा 130 लाख टन चावल के समतुल्य धान का स्टॉक मौजूद था। धान की कस्टम मिलिंग जारी है और खाद्य निगम को नियमित रूप से चावल का स्टॉक प्राप्त हो रहा है।
1 अगस्त को नियमनुसार सरकार के पास कम से कम 135 लाख टन चावल का स्टॉक होना आवश्यक है जिसमें 20 लाख टन का रणनीतिक रिजर्व भी शामिल है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान खाद्य निगम द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 846 लाख टन, धान खरीदा गया जो 570 लाख टन चावल के समतुल्य है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार 2022-23 के देश में चावल का उत्पादन बढ़कर 1355 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।