iGrain India - नई दिल्ली । चूंकि केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित कॉटन बेल्स (क्वालिटी कंट्रोल) ऑर्डर, 2023 अब 28 अगस्त से लागू (प्रभावी) होने वाला है इसलिए स्वदेशी कपड़ा उद्योग की चिंता बढ़ गई है।
वस्त्र उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के संघों- संगठनों ने केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय से इस आदेश को फिलहाल स्थगित रखने और कभी बाद में लागू करने का आग्रह किया है। इस आदेश को 'कॉटन क्यू सीओ' के नाम से भी जाना जाता है।
28 फरवरी 2023 को कपड़ा मंत्रालय ने इसे अधिसूचित करते हुए कहा था कि राजपत्र (गजट) में प्रकाशित होने के बाद 180 दिनों में यह प्रभावी हो जाएगा।
यह आर्डर प्रसंस्कृत या जिण्ड कपास (रूई) तथा गैर प्रसंस्कृत कपास (कच्ची कपास या बिनौला सहित रूई)- दोनों पर लागू होने वाला है। इस आदेश में जिण्ड रूई की गांठों के साथ-साथ इन गांठों की पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले मैटीरियल की जरूरतों के लिए भी कुछ खास नियमों का निर्धारण किया गया है।
इस क्यूसीओ (क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर या गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) में कहा गया है कि रूई की गांठ में नमी का अंश 8 प्रतिशत होना चाहिए और जिनिंग इकाइयों को इन गांठों के कम से कम 5 प्रतिशत भाग का परीक्षण (टेस्ट) करवाना आवश्यक होगा। कपास की गांठ में 'ट्रैश' का अंश 3 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
तमिलनाडु स्पिनिंग मिल्स एसोसिएशन के अनुसार यह गुणवत्ता नियंत्रण आदेश विदेशों से आयातित रूई पर भी लागू होगा जिससे आयातकों को कुछ परेशानी हो सकती है।
आयातकों को रूई के आयात हेतु अनुबंध करते समय काफी सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी अन्यथा भारतीय बंदरगाहों पर उसे संकट का सामना करना पड़ सकता है। यह आदेश लागू करने का अभी उचित समय नहीं है इसलिए इसे फिलहाल स्थगित रखना ही व्यावहारिक होगा।