iGrain India - मापुटो । अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक से भारत में अरहर (तुवर) के आयात पर किसी तरह का कोई रोक टोक नहीं है जबकि सरकार इस पर लगे 10 प्रतिशत के आयात शुल्क को भी पहले ही वापस ले चुकी है।
दरअसल ऐसी खबर आ रही थी कि कुछ निर्यातकों ने एक समूह (कार्टेल) का निर्माण कर लिया है जिससे वहां से भारत को तुवर के शिपमेंट में देर हुई।
लेकिन भारतीय अधिकारियों ने तत्काल इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया है कि इस अफ्रीकी देश (मोजाम्बिक) से भारत में अरहर के आयात पर कोई प्रतिबंध या मात्रात्मक नियंत्रण लागू नहीं है।
मोजाम्बिक की राजधानी मापुटो में स्थित भारतीय उच्चायोग ने स्थिति को और ज्यादा स्पष्ट करने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है जिसमें वहां अरहर (तुवर) के सभी निर्यातकों को सूचित किया गया है कि भारत सरकार ने 31 मार्च 2024 तक तुवर के नियंत्रण मुक्त एवं शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दे रखी है।
इस पर न तो कोई ऊपरी सीमा निश्चित की गई है और न ही कोई शुल्क लगाया गया है। निर्यातक अपनी इच्छा एवं क्षमता के अनुरूप भारत में तुवर का निर्यात करने के लिए स्वतंत्र हैं।
समझा जाता है कि मोजाम्बिक के निर्यातक अपनी सरकार पर इस बात के लिए दबाव डाल रहे हैं कि वह भारत में तुवर निर्यात सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार को कोटा प्रणाली आरंभ करने के लिए राजी करे।
इसके स्पष्टीकरण के तौर पर भारतीय उच्चायोग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मोजाम्बिक के निर्यातक चालू वित्त वर्ष के अंत यानी 31 मार्च 2024 तक भारत को असीमित मात्रा में तुवर का शुल्क मुक्त निर्यात कर सकते हैं।
मोजाम्बिक के निर्यातकों का इरादा तुवर कारोबार पर एकाधिकार करने तथा कीमतों में मनमाना उतार-चढ़ाव लाने का है।
इससे शिपिंग में देरी हुई और भारत में आयातित तुवर का दाम बढ़ गया। मोजाम्बिक सहित अन्य अफ्रीकी देशों में अरहर की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने के बाद भारत में इसका आयात जल्दी ही आरंभ हो जाएगा।