iGrain India - रायपुर । आरंभिक चरण में मानसूनी वर्षा का अभाव रहने से छत्तीसगढ़ में इस बार खरीफ फसलों की बिजाई देर से शुरू हुई और कुछ समय तक इसकी गति भी धीमी रही लेकिन उसके बाद रफ्तार बढ़ गई और अब कुल नियत लक्ष्य के 78 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में बिजाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ खरीफ सीजन में मुख्यत: धान की खेती के लिए जाना जाता है जबकि वहां दलहन, तिलहन एवं मोटे अनाजों का भी उत्पादन होता है। केन्द्रीय पूल में चावल का योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वर्ष के दौरान 48.20 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है जो पिछले खरीफ सीजन के लक्ष्य से 2.86 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2022 के खरीफ सीजन के दौरान राज्य में विभिन्न फसलों का उत्पादन क्षेत्र 47.10 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।
राज्य कृषि विभाग के अनुसार चालू वर्ष में अब तक छत्तीसगढ़ में 37.50 लाख हेक्टेयर से कुछ अधिक क्षेत्रफल में खरीफ फसलों की खेती हो चुकी है जो नियत लक्ष्य का करीब 78 प्रतिशत है। खरीफ फसलों की बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है।
धान की खेती नियत लक्ष्य के करीब 88 प्रतिशत भाग में पूरी हो चुकी है। ध्यान देने की बात है कि छत्तीसगढ़ में इस बार धान के उत्पादन क्षेत्र का लक्ष्य 39 लाख हेक्टेयर नियत किया गया है जिसमें से अब तक लगभग 36 लाख हेक्टेयर में खेती (रोपाई) पूरी हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में दलहन, तिलहन एवं मोटे अनाजों की खेती को विशेष बढ़ावा दे रही है लेकिन फिर भी किसान धान की खेती से दूर नहीं होना चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें आकर्षक एवं लाभप्रद आमदनी हासिल होती है। वहां किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की सरकारी खरीद होती जो पूरे देश में सबसे ऊंचा मूल्य स्तर है।