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तीनों प्रमुख दलहनों के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आना चिंता का विषय

प्रकाशित 07/08/2023, 06:24 pm
अपडेटेड 07/08/2023, 06:45 pm
तीनों प्रमुख दलहनों के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आना चिंता का विषय

iGrain India - नई दिल्ली । गत वर्ष के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान तीनों प्रमुख दलहनों-अरहर (तुवर), उड़द एवं मूंग के उत्पादन क्षेत्र में गिरावट आना किसानों, सरकार एवं आम उपभोक्ता के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

हालांकि खरीफ बिजाई अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है लेकिन दलहनों के रकबे में आगे ज्यादा सुधार आने की गुंजाइश नहीं है क्योंकि इसकी अधिकांश बिजाई अगस्त के प्रथम सप्ताह तक पूरी हो जाती है और उसके बाद छिटपुट बिजाई ही जारी रहती है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि खरीफ कालीन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 117.87 लाख हेक्टेयर से घटकर इस वर्ष 4 अगस्त तक 106.88 लाख हेक्टेयर रह गया।

इस तरह बिजाई क्षेत्र में 11 लाख हेक्टेयर या करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। मानसून की वर्षा का सहारा मिलने के बावजूद इसके रकबे में ज्यादा इजाफा संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उत्पादक राज्यों में इसकी बिजाई का आदर्श समय लगभग समाप्त हो चुका है।

उम्मीद की जा रही थी कि अत्यन्त ऊंचे बाजार भाव को देखते हुए किसानों को तुवर (अरहर) एवं उड़द का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिलेगा लेकिन शुरूआती दौर में मानसून की कम सक्रियता ने दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में किसानों को निराश कर दिया। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर अरहर का उत्पादन क्षेत्र 40.60 लाख हेक्टेयर से 3.20 लाख हेक्टेयर घटकर 37.40 लाख हेक्टेयर,

उड़द का बिजाई क्षेत्र 32.50 लाख हेक्टेयर से 4.50 लाख हेक्टेयर लुढ़ककर 28 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का रकबा 31.45 लाख हेक्टेयर से 2.55 लाख हेक्टेयर गिरकर 28.90 लाख हेक्टेयर रह गया।

हालांकि कुलथी का रकबा 18 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 22 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा मगर अन्य दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 13.15 लाख हेक्टेयर से 77 हजार हेक्टेयर फिसलकर 12.40 लाख हेक्टेयर रह गया। अब मौसम का ही आसरा है।

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