iGrain India - नई दिल्ली । भारत से चावल, मूंगफली, ग्वार गम, मोटे अनाज, दाल-दलहन, गेहूं, मिल्ड प्रोडक्ट्स एवं प्रसंस्कृत काजू आदि खाद्य उत्पादों का अच्छा निर्यात होता है जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है और उत्पादकों को बेहतर वापसी हासिल करने का अवसर मिलता है।
वैश्विक मांग एवं कीमत के अनुरूप इन खाद्य उत्पादों की निर्यात मात्रा में बदलाव होता रहता है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार अप्रैल- जून 2022 की तुलना में अप्रैल-जून 2023 की तिमाही के दौरान कुछ खाद्य उत्पादों के निर्यात में गिरावट आई जबकि अन्य खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़ गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान दाल-दलहन का निर्यात 2.75 लाख टन से घटकर 1.92 लाख टन, ग्वार गम का निर्यात 1.18 लाख टन से गिरकर 99 हजार टन, गैर बासमती चावल का निर्यात 43.49 लाख टन से घटकर 40.58 लाख टन,
गेहूं का निर्यात 33.32 लाख टन से लुढ़ककर 4400 टन तथा अन्य अनाजों का निर्यात 9.13 लाख टन से फिसलकर 8.80 लाख टन पर सिमट गया।
उल्लेखनीय है कि मई 2022 से गेहूं पर तथा सितम्बर 2022 से टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। 20 जुलाई 2023 से सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात भी रोक दिया है।
दूसरी ओर कुछ कृषि एवं खाद्य उत्पादों के निर्यात में इजाफा दर्ज किया गया। इसके तहत समीक्षाधीन अवधि के दौरान मूंगफली का निर्यात 1.17 लाख टन से बढ़कर 1.60 लाख टन, बासमती चावल का निर्यात 11.25 लाख टन से सुधरकर 11.73 लाख टन तथा प्रसंस्कृत काजू का निर्यात 11 हजार टन से बढ़कर 12 हजार टन पर पहुंच गया।
जहां तक मिल्ड प्रोडक्ट्स का सवाल है तो इसके निर्यात में जबरदस्त गिरावट आ गई। इसकी मात्रा अप्रैल- जून 2022 के 3.71 लाख टन से लुढ़ककर अप्रैल- जून 2023 में 51 हजार टन पर सिमट गई।
मालूम हो कि पिछले साल की दूसरी छमाही से ही आटा, मैदा एवं सूजी आदि के निर्यात पर पाबंदी लगी हुई है। मूंगफली में चीन, वियतनाम एवं इंडोनेशिया जैसे देशों की अच्छी मांग बनी हुई है।