iGrain India - मेलबोर्न । ऑस्ट्रेलिया में 2022-23 के सीजन में मसूर का उत्पादन तेजी से उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। चूंकि वहां इसकी घरेलू खपत काफी कम होती है इसलिए वह अपने अधिकांश उत्पादन का विदेशों में निर्यात करने में सफल हो जाता है। वस्तुत: यह कहना गलत नहीं होगा कि ऑस्ट्रेलिया में किसान मुख्यत: निर्यात उद्देश्य के लिए ही मसूर का उत्पादन करते हैं।
आमतौर पर ऑस्टेलियाई मसूर का भाव प्रतिस्पर्धी होता है इसलिए भारत सहित अनेक एशियाई देश वहां से विशाल मात्रा में इसका आयात करते हैं।
कनाडा की तुलना ऑस्ट्रेलिया एशिया के देशों से नजदीक है इसलिए वहां से मसूर मंगाने में आयात खर्च (शिपमेंट चार्ज) तथा समय अपेक्षाकृत कम लगता है। भारत इसका सबसे प्रमुख खरीदार बना हुआ है।
ऑस्ट्रेलियाई संख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया से अक्टूबर 2022 से जून 2023 के नौ महीनों में मसूर का कुल निर्यात बढ़कर 13 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जिसमें से अकेले भारत को 40 प्रतिशत से अधिक यानी करीब 6.21 लाख टन का शिपमेंट किया गया।
भारत चालू मार्केटिंग सीजन के आरंभ से ही ऑस्ट्रेलियाई मसूर का सबसे प्रमुख खरीदार बना हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक भारत ने ऑस्ट्रेलिया से अक्टूबर - दिसम्बर 2022 की तिमाही में 1.23 लाख टन तथा जनवरी- मार्च 2023 की तिमाही में 1.61 लाख टन मसूर का आयात किया था। इसके बाद प्रतिमाह एक लाख टन से अधिक मसूर का आयात करता रहा।
अप्रैल 2023 में 1.02 लाख टन, मई में 1.08 लाख टन तथा जून में करीब 1.28 लाख टन मसूर का आयात ऑस्ट्रेलिया से हुआ। हालांकि एबीएस ने अभी जुलाई का आंकड़ा जारी नहीं किया है लेकिन उपलब्ध संकेतों से पता चलता है कि इस माह में भी मसूर का आयात एक लाख टन के आसपास ही रहा। यद्यपि घरेलू प्रभाग में मसूर का भाव पहले कुछ नरम पड़ा था मगर अब पुनः बढ़कर 6000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच गया है।
भारत में 31 मार्च 2024 तक मसूर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई है जिससे आयातकों को ऑस्ट्रेलिया एवं कनाडा से भारी मात्रा में इसे मंगाने में आसानी हो रही है।
यद्यपि द्वीपक्षीय समझौते के तहत भारत में ऑस्ट्रेलिया से 1.50 लाख टन वार्षिक तक मसूर का शुल्क मुक्त आयात हो सकता है लेकिन फ़िलहाल इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि चालू वित्त वर्ष के अंत तक मसूर का आयात शुल्क मुक्त कर दिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया में इस बार मसूर की बिजाई कम हुई है।