iGrain India - कोच्चि । दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- कर्नाटक एवं केरल में मानसून की बारिश कम होने तथा मानसून- पूर्व की वर्षा का भी अभाव रहने से इस बार कालीमिर्च की औसत उपज दर, कुल पैदावार एवं दाने की क्वालिटी प्रभावित होने की आशंका है।
इसके फलस्वरूप कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बनने लगा जिसे देखते हुए बड़े-बड़े उत्पादकों एवं स्टॉकिस्टों ने माल रोकना शुरू कर दिया है। इससे आगामी दिनों में कालीमिर्च की आपूर्ति एवं उपलब्धता घटने तथा कीमत तेज होने की संभावना है।
कोच्चि के टर्मिनल मार्केट में 1 जुलाई 2023 को कालीमिर्च का भाव गार्बल्ड श्रेणी का 525-535 रुपए प्रति किलो एवं अन गार्बल्ड का 500-510 रुपए प्रति किलो था जो 1 अगस्त को उछलकर क्रमश: 600-625 रुपए एवं 580-600 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
इतना ही नहीं बल्कि 4 अगस्त 2023 को यह और भी बढ़कर क्रमश: 650-665 रुपए प्रति किलो एवं 630-640 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। इस तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान कालीमिर्च के दाम में 130 रुपए प्रति किलो की भारी वृद्धि हो गई।
उधर कर्नाटक के सागर मार्केट में अन गार्बल्ड श्रेणी की कालीमिर्च का दाम 1 जुलाई 2023 के 485-495 रुपए प्रति किलो से उछलकर 1 अगस्त को 570-580 रुपए प्रति किलो, 2 अगस्त को 590-600 रुपए प्रति किलो तथा 4 अगस्त से 8 अगस्त तक बढ़कर 610-620 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
इस तरह कालीमिर्च के दाम में 1 जुलाई से 8 अगस्त के बीच 125 रुपए प्रति किलो तथा 1 से 8 अगस्त के दौरान 40 रुपए प्रति किलो की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
भारतीय कालीमिर्च का निर्यात ऑफर मूल्य उछलकर 7700 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है जो श्रीलंकाई माल के भाव 6700 डॉलर प्रति टन एवं वियतनामी माल के दाम 3700 डॉलर प्रति टन से काफी ऊंचा है।
इसके फ़लस्वरूप देश में आगामी समय में विदेशों से कालीमिर्च का आयात बढ़ने की संभावना है और उसके आधार पर ही घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का माहौल बन सकता है।