iGrain India - चंडीगढ़ । पंजाब में मिर्च उत्पादक किसानों को इसके बीज के दाम में हुई जबरदस्त बढ़ोत्तरी से भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी एजेंसियों द्वारा कीमतों पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है जिससे किसानों को मिर्च के बीज की खरीद 20 से 30 प्रतिशत तक ऊंचे दाम पर करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। दरअसल पंजाब में मिर्च के बीज का केवल एक ही डीलर है और सभी किसानों को उस पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
पंजाब के फिरोजपुर जिले में मिर्च की अच्छी खेती होती है। वहां इसके बीज का दाम वर्ष 2021 में 26,000 रुपए प्रति किलो था जो 2022 में बढ़कर 34,000 रुपए प्रति किलो तथा 2023 में उछलकर 40,000 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
उत्पादकों का कहना है कि मिर्च बीज के दाम में प्रत्येक साल मनमानी वृद्धि की जा रही है जिससे लाभांश पर भारी प्रतिकूल असर पड़ता है। छह साल पूर्व बाजार में 8307 वैरायटी की मिर्च का बीज पहली बार आया था और देखते ही देखते यह उत्पादकों में अत्यन्त लोकप्रिय हो गया।
यूनाइटेड जेनेटिक्स कम्पनी द्वारा विकसित यह बीज पंजाब में सिर्फ एक डीलर के पास छोड़कर और कहीं नहीं मिलता है। कारोबार पर एकाधिकार होने के कारण डीलर द्वारा इस बीज के मूल्य में प्रत्येक साल भारी बढ़ोत्तरी कर दी जाती है।
राज्य सरकार से इसके बारे में शिकायत की गई है और उम्मीद की जा रही है कि सरकार शीघ्र ही किसानों को कुछ रियायत प्रदान करेगी। उत्पादकों की मांग है कि पंजाब में 8307 किस्म की मिर्च के बीज का कम से कम छह-सात डीलर होना चाहिए ताकि किसानों को प्रतिस्पर्धी मूल्य पर इसकी खरीद का विकल्प हासिल हो सके।
सरकारी अधिकारी इससे सहमत हैं। उनका कहना है कि डीलरों की संख्या बढ़ने पर बीज का दाम स्वाभाविक रूप से नियंत्रित हो जाएगा अन्यथा प्रत्येक वर्ष इसकी कीमत में 6 से 8 हजार रुपए प्रति किलो का इजाफा होता रहेगा।
पंजाब में अनेक किसान बीज या पटटे पर जमीन लेकर उसमें मिर्च की खेती करते हैं। इस लीज वाली जमीन को 50-60 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से किया जाता है।
चूंकि मिर्च की खेती पर लागत खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है जबकि मिर्च के दाम में उसके अनुरूप इजाफा नहीं हो रहा है इसलिए उत्पादकों के लाभांश में गिरावट आ रही है।