iGrain India - हैदराबाद । दक्षिण भारतीय राज्य- तेलंगाना में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 9 अगस्त तक बढ़कर 95.78 लाख एकड़ से ऊपर पहुंच गया जो पिछले साल से 12.35 लाख एकड़ ज्यादा है।
इसके तहत राज्य में धान, मक्का एवं सोयाबीन के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी हुई है दलहन फसलों तथा कपास का रकबा पीछे चल रहा है। राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान तेलंगाना में धान का उत्पादन क्षेत्र 14.65 लाख एकड़ की वृद्धि के साथ 36 लाख एकड़, मक्का का बिजाई क्षेत्र 58 हजार एकड़ बढ़कर 5 लाख एकड़ तथा सोयाबीन का क्षेत्रफल 91 हजार एकड़ बढ़कर 4.43 लाख एकड़ पर पहुंच गया।
दूसरी ओर ज्वार-बाजरा का रकबा समीक्षाधीन अवधि में गिरकर 22 हजार एकड़ तथा मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 23 हजार एकड़ गिरकर 1.30 लाख एकड़ पर सिमट गया। इसी तरह दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में भारी गिरावट आई है।
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान तेलंगाना में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र करीब 71 हजार एकड़ घटकर 4.55 लाख एकड़, उड़द का बिजाई क्षेत्र 10 हजार एकड़ फिसलकर करीब 19 हजार एकड़ तथा मूंग का क्षेत्रफल 11 हजार एकड़ गिरकर 49 हजार एकड़ रह गया।
तेलंगाना में खरीफ फसलों की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। वहां उपरोक्त फसलों के अलावा लालमिर्च एवं हल्दी की खेती भी होती है जिसके बारे में जल्दी ही क्षेत्रफल की सूचना दी जाएगी। तेलंगाना में मानसून के शुरूआती चरण में वर्षा कम हुई थी लेकिन अब वहां अच्छी बारिश हुई है।
बिजाई क्षेत्र में गिरावट आने से चालू खरीफ सीजन के दौरान तेलंगाना में तुवर, उड़द, मूंग एवं कपास आदि के उत्पादन में कमी आ सकती है।
दूसरी ओर वहां धान (चावल), मक्का एवं सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। मालूम हो कि तेलंगाना धान एवं कपास के अग्रणी उत्पादक राज्यों में शामिल है।