iGrain India - साओ पाउलो । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील के मध्य दक्षिणी क्षेत्र में 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन बढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है।
एक अग्रणी विश्लेषक फर्म के अनुसार मध्य दक्षिणी क्षेत्र में चीनी का उत्पादन 20 लाख टन बढ़कर 394 लाख टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है क्योंकि एक तो गन्ना की औसत उपज दर एवं चीनी की रिकवरी दर में अच्छी बढ़ोत्तरी होने के संकेत मिल रहे हैं और दूसरे विगत वर्षों के मुकाबले इस बार चीनी निर्यात के नए गन्ना की अधिक मात्रा का उपयोग किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ब्राजील दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां लगभग 90 प्रतिशत चीनी का उत्पादन मध्य दक्षिणी भाग में होता है और इसका ही विदेशों में निर्यात किया जाता है।
वहां साओ पाउलो इसका सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। शेष 10 प्रतिशत चीनी का उत्पादन ब्राजील के उत्तरी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में होता है जिसका उपयोग घरेलू प्रभाग में किया जाता है। चीनी के उत्पादन में ब्राजील की प्रतिस्पर्धा मुख्यत: भारत के साथ रहती है।
ध्यान देने की बात है कि ब्राजील में इससे पूर्व चीनी का सर्वाधिक उत्पादन 384 लाख टन 2020-21 के सीजन में हुआ था जबकि 2023-24 सीजन का उत्पादन उससे भी 10 लाख टन अधिक हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार भाव ऊंचा एवं आकर्षक होने से ब्राजील के मिलर्स इस बार चीनी के उत्पादन में गन्ना का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे चीनी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके अलावा वहां गन्ना फसल की कटाई, ढुलाई एवं पेराई के लिए मौसम भी काफी हद तक अनुकूल बना हुआ है।
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम में हुई बढ़ोत्तरी तथा ब्राजील में इसके उत्पादन में हो रही वृद्धि का भारत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है क्योंकि 31 मई 2023 के बाद से ही भारतीय चीनी के निर्यात पर पाबन्दी लगी हुई है और अगले कम से कम छह महीने तक इसके हटाए जाने की संभावना भी नहीं है लेकिन थाईलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को ब्राजील की कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करने में भारी कठिनाई हो सकती है। ब्राजील की चीनी अपेक्षाकृत सस्ती होती है।
विश्लेषक फर्म का कहना है कि उत्पादन में शानदार बढ़ोत्तरी होने से ब्राजील को चालू मार्केटिंग सीजन की अंतिम दो तिमाही के दौरान चीनी का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल सकता है।
चूंकि भारत चीनी के वैश्विक निर्यात बाजार से पहले ही बाहर हो चुका है इसलिए ब्राजील के निर्यातकों को स्वछंद होकर अपनी चीनी का निर्यात बढ़ाने में सफलता मिल रही है।
लेकिन ब्राजील में उत्पादन बढ़ने से चीनी के वैश्विक बाजार मूल्य में कुछ नरमी आ सकती है। वैसे अन्य देशों में कमजोर उत्पादन की संभावना को देखते हुए चीनी के दाम में सीमित नरमी ही आने का अनुमान है।