iGrain India - कुआलालम्पुर । मलेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक बढ़ने से इसके वायदा मूल्य पर दबाव पड़ने की संभावना है। सरकारी संस्था- एम्पोब के अनुसार जून के मुकाबले जुलाई के अंत में पाम तेल का बकाया स्टॉक 0.68 प्रतिशत बढ़कर 17.30 लाख टन पर पहुंच गया।
इसी तरह वहां क्रूड पाम तेल का उत्पादन भी 11.21 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 16.10 लाख टन से ऊपर पहुंचा। हालांकि इसी अवधि में मलेशिया से पाम उत्पादों का कुल निर्यात 15.55 प्रतिशत बढ़कर 13.50 लाख टन से ऊपर पहुंच गया लेकिन इसके बावजूद वह कुल उत्पादन से काफी पीछे रह गया।
उल्लेखनीय है कि चालू माह के आरंभ में हुए सर्वेक्षण के दौरान उद्योग- व्यापार समीक्षकों ने मलेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक जून की तुलना में 4.2 प्रतिशत बढ़कर 17.90 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया था।
इसी तरह जुलाई में मलेशिया से 12.70 लाख टन पाम तेल के निर्यात की संभावना व्यक्त की थी और इसका घरेलू उत्पादन 15.80 लाख टन होने की उम्मीद जताई थी।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक मलेशियाई पाम तेल के वायदा मूल्य पर अनेक कारकों का असर पड़ता है जिसमें शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में सोयाबीन तेल के दाम में आने वाला उतार-चढ़ाव, चीन के डालियान कॉमोडिटी एक्सचेंज में सोयाबीन तेल तथा पाम तेल के वायदा मूल्य में होने वाला परिवर्तन, मलेशिया में मांग एवं आपूर्ति के समीकरण, उत्पादन तथा निर्यात की स्थिति एवं बकाया स्टॉक में होने वाली कमी-वृद्धि आदि शामिल है।
प्रत्यक्ष रूप से पाम तेल की कीमतों पर कैनोला तेल एवं सूरजमुखी तेल के दाम में होने वाले बदलाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता है लेकिन यदि सोयातेल का भाव घटता-बढ़ता है तो उससे पाम तेल का बाजार जरूर प्रभावित होता है क्योंकि सोयाबीन तेल वैश्विक बाजार में पाम तेल का मुख्य प्रतिस्पर्धी है।
मलेशिया में अभी तक अल नीनो मौसम चक्र का आगमन नहीं हुआ है मगर इसकी संभावना बनी हुई है। उद्योग समीक्षकों के अनुसार अल नीनो का असर अगले साल के उत्पादन पर पड़ सकता है।