iGrain India - कोच्चि । कालीमिर्च के बाद कीमत बढ़ने की बारी अब छोटी इलायची की है। प्रमुख उत्पादक राज्य- केरल में बारिश का अभाव होने तथा हाजिर माल का स्टॉक कम रहने के बीच इसकी सटोरिया लिवाली आरंभ होने से हरी (छोटी) इलायची का भाव काफी ऊंचा हो गया है।
केरल के पुट्टादी नीलामी केन्द्र में इलायची का भाव पिछले दिन बढ़कर 2250 रुपए प्रति किलो के उच्च स्तर पर पहुंच गया। लेकिन इससे उत्पादकों को कोई खास फायदा नहीं हुआ क्योंकि उसके पास स्टॉक की कमी है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के बाद इलायची के दाम में भारी नरमी का दौर शुरू हो गया था और एक समय यह घटकर 1000 रुपए प्रति किलो से भी नीचे आ गया था।
इससे इलायची की खेती में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण घट गया और उसके बागानों की अनदेखी करनी शुरू कर दी क्योंकि इसका उत्पादन खर्च काफी बढ़ गया था।
ज्ञात हो कि अगस्त 2019 में छोटी इलायची का भाव उछलकर 7000 रुपए प्रति किलो के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था जो 2022 में लुढ़ककर काफी नीचे आ गया।
एक अग्रणी समीक्षक के अनुसार इस बार मानसून के आने में देर होने तथा केरल के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र-इडुक्की में वर्षा का अभाव रहने से इलायची की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
मई और जून को वहां अधिशेष वर्षा वाला समय माना जाता है लेकिन इस बार इन महीनों में वहां नगण्य बारिश हुई जबकि मौसम गर्म एवं शुष्क बना रहा। इससे इलायची का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।
आमतौर पर इलायची की लताओं में फूल लगने से लेकर दाना के परिपक्व होने में करीब 90 दिनों का समय लगता है लेकिन इस बार मौसम प्रतिकूल रहने से दाना लगने और पकने में विलम्ब हो गया जिससे उसकी तुड़ाई-तैयारी में भी देर हो गई। पहले चरण की तुड़ाई जुलाई के अंत में समाप्त हो गई जबकि अगले दौर की तुड़ाई मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करेगी।
इडुक्की के एक उत्पादक का कहना है कि बदले हालात में दिसम्बर 2023 से अप्रैल 2024 तक बारिश होने की बहुत कम संभावना है। इससे इलायची के उत्पादन में गिरावट आएगी और कीमत तेज रहेगी।
चालू सीजन के दौरान इलायची के उत्पादन में कम से कम 25-30 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। यदि वर्षा की कमी से उत्पादन में और गिरावट आई तो इलायची का भाव उछलकर 3000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है।
लेकिन यदि अगस्त-सितम्बर में अच्छी बारिश होती है तो इसका दाम 2000-2300 रुपए प्रति किलो के बीच स्थिर हो सकता है। केरल के डीलर्स आगे दाम और बढ़ने की संभावना को देखते हुए भारी मात्रा में इलायची खरीदने का प्रयास कर रहे हैं।
नीलामी केन्द्रों में इलायची की औसत दैनिक आवक 100 टन के करीब है। दिसावरी केन्द्रों पर खाड़ी क्षेत्र के देशों में इलायची का बहुत कम स्टॉक मौजूद है। वहां अच्छी मांग रहने की उम्मीद है।