iGrain India - लालमिर्च की कीमतों में तेजी : मंदे की संभावना नहीं
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च की कीमतों में सुधार दर्ज किया गया। सूत्रों का कहना है कि अच्छी क्वालिटी के मालों की कमी होने के कारण डीलक्स मालों में तेजी बनी रही। वर्तमान में बांग्ला देश की लिवाली चल रही जबकि चीन की मांग कमजोर है।
सूत्रों का मानना है कि लालमिर्च की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में भी बाजार मजबूत बने रहेंगे।
बिजाई
चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के करने प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में इस वर्ष लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार है।
वर्तमान में धुप का मौसम होने के कारण बिजाई का कार्य जोरों पर चल रहा है और बिजाई गत वर्ष की तुलना में 20/30 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में इस वर्ष लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 20/25 प्रतिशत कम रही है।
किसानों ने लालमिर्च की अपेक्षा कपास की बिजाई को प्राथमिकता दी है। मध्य प्रदेश में नए लालमिर्च की आवक अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में शुरू हो जाएगी। अभी तक फसल की स्थिति अच्छी है। जिस कारण से क्वालिटी भी अच्छी आएगी।
कीमतों में तेजी
वर्तमान में मंडियों में किसानी माल की आवक नहीं हो रही है जो भी व्यापार हो रहा है वह स्टॉक के मालों का हो रहा है। कमजोर बिकवाली एवं निर्यातकों की बराबर मांग बनी रहने के कारण गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी का भाव 240 रुपए से मजबूती के साथ 245 रुपए पर बोला गया। 334 क्वालिटी का भाव भी 5 रुपए तेजी के साथ बोला गया।
खम्मम मंडी में तेजा का भाव 240 रुपए से तेजी के साथ 243 रुपए पर बोला गया। वारंगल में भी तेजा का भाव 2 रुपए प्रति किलो तेज रहा। सूत्रों का कहना है कि अच्छी क्वालिटी के मालों का स्टॉक कम होने के कारण डीलक्स मालों में मंदे की संभावना नहीं है क्योंकि स्टॉकिस्ट भाव घटाकर बिकवाली नहीं कर रहा है। क्योंकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में नए मालों की आवक जनवरी-फरवरी माह में शुरू होगी। जबकि स्टॉक की कमी है।
निर्यात अधिक
बांग्ला देश एवं चीन की अच्छी मांग बनी रहने के कारण चालू सीजन के प्रथम दो माह में लालमिर्च के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल मई 2023 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 103124.58 टन का किया गया।
जोकि गत वर्ष की इसी समयावधि की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष अप्रैल-मई 2022 में निर्यात 73921.95 टन का किया गया था। एक ओर जहां मात्रा में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है वहीँ दूसरी तरफ निर्यात से प्राप्त आय में भी 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 के दौरान (अप्रैल-मार्च) लालमिर्च का निर्यात 516184.91 टन का रहा था।
बढ़ सकते हैं भाव
कारोबारियों का कहना है कि आगामी दिनों में निर्यातकों की मांग बढ़ने के पश्चात लालमिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि लालमिर्च तेजा का भाव 255/260 रुपए बन सकता है। जोकि वर्तमान 245 रुपए चल रहा है।
अभी चीन की मांग कमजोर है मगर आगामी दिनों में चीन की मांग भी बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी इस वर्ष उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम होने के समाचार है।
उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर डीलक्स मालों स्टॉक भी कम रह गया है। क्योंकि फरवरी-मार्च माह के दौरान उत्पादक राज्य आंध्र-प्रदेश एवं तेलंगाना में बारिश होने के कारण क्वालिटी खराब हो गई थी। जिस कारण से अच्छे मालों की बाजार में कमी बनी हुई है।