iGrain India - हैदराबाद । विलम्बित मानसून के कारण इस बार तेलंगाना में खरीफ फसलों की बिजाई की गति शुरूआती चरण में धीमी रही जिससे खासकर कपास एवं अरहर (तुवर) सहित अन्य दलहन फसलों के क्षेत्रफल में गिरावट आ गई। लेकिन बाद में भारी वर्षा का दौर शुरू हो जाने से धान की रोपाई जोरदार ढंग से होने लगी जिससे खरीफ फसलों का कुल रकबा गत वर्ष से आगे हो गया है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत में अवस्थित तेलंगाना कपास और धान के अग्रणी उत्पादक राज्यों में शामिल है।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ (वानाकलाम) सीजन में 9 अगस्त 2023 तक तेलंगाना में फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 95.78 लाख एकड़ पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 83.43 लाख एकड़ से 12.35 लाख एकड़ ज्यादा है।
इसमें 36.06 लाख एकड़ में हुई धान की खेती भी शामिल है जो उस अवधि के लिए अब तक का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल है। जोरदार रोपाई की प्रक्रिया जारी रहने के कारण चालू सीजन में धान का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 50-55 लाख एकड़ तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
दूसरे ओर खासकर दलहन फसलों के रकबे में गिरावट आना चिंता का विषय बना हुआ है। तीनों प्रमुख दलहन फसलों-अरहर, उड़द एवं मूंग का कुल बिजाई क्षेत्र 9 अगस्त तक महज 5.24 लाख एकड़ पर पहुंच सका जबकि पिछले साल की समान अवधि में अकेले तुवर का क्षेत्रफल ही 5.27 लाख एकड़ पर पहुंचा था और उड़द या मूंग का रकबा 88 हजार एकड़ दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर भी दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से करीब 30 लाख एकड़ पीछे चल रहा है।
दलहनों की भांति तेलंगाना में कपास की बिजाई भी कम हुई है। वहां इसका क्षेत्रफल गत वर्ष से करीब 4.50 लाख एकड़ पीछे रह गया है।
गुजरात और महाराष्ट्र के बाद तेलंगाना देश में कपास का तीसरा सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। यहां धान की खेती अभी जारी रहेगी मगर अन्य खरीफ फसलों की बिजाई का आदर्श समय लगभग समाप्त हो चुका है।