iGrain India - अहमदाबाद । देश के पश्चिमी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त- गुजरात में मध्य जून में आए बिपरजॉय तूफान के कारण कई जिलों में मूसलाधार बारिश होने से इस बार खरीफ फसलों की बिजाई जल्दी शुरू हो गई और इसकी गति भी तेज रही।
इसके परिणामस्वरूप राज्य में चालू वर्ष के दौरान 14 अगस्त तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 80.42 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया जो पिछले साल की सामान अवधि के बिजाई क्षेत्र 78.88 लाख हेक्टेयर से 1.54 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में धान का उत्पादन क्षेत्र 8.34 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 8.55 लाख हेक्टेयर, बाजार का बिजाई क्षेत्र 1.83 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 1.92 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर ज्वार का रकबा 16 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 15 हजार हेक्टेयर एवं मक्का का क्षेत्रफल 2.87 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.32 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके बावजूद अनाजी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 13.29 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 13.52 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
लेकिन दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 3.91 लाख हेक्टेयर से गिरकर इस बार 3.50 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके तहत अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र 2.03 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.96 लाख हेक्टेयर, मूंग का क्षेत्रफल 76 हजार हेक्टेयर से गिरकर 61 हजार हेक्टेयर,
मोठ का रकबा 14 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 13 हजार हेक्टेयर तथा उड़द का उत्पादन क्षेत्र 92 हजार हेक्टेयर से घटकर 78 हजार हेक्टेयर रह गया। दलहन फसलों की बिजाई वहां लगभग समाप्त हो चुकी है।
जहां तक खरीफ कालीन तिलहन फसलों का सवाल है तो इसका बिजाई क्षेत्र भी गत वर्ष के 24.07 लाख हेक्टेयर से फिसलकर इस बार 24.01 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसके तहत मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 17 लाख हेक्टेयर से घटकर 16.33 लाख हेक्टेयर, तिल का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 57 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया जबकि दूसरी ओर अरंडी का बिजाई क्षेत्र 4.17 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.44 लाख हेक्टेयर तथा सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 2.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.66 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
अरंडी की बिजाई अभी जारी है। इसके अलावा गुजरात में पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान कपास का उत्पादन क्षेत्र 25.37 लाख हेक्टेयर से उछलकर 26.77 लाख हेक्टेयर तथा ग्वार का बिजाई क्षेत्र 93 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 1.00 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।