iGrain India - चेन्नई । दक्षिणी राज्य- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से तत्काल 20-25 लाख गांठ रूई के शुल्क मुक्त आयात का कोटा घोषित करने का आग्रह किया है ताकि राज्य में इसके अभाव को दूर किया जा सके।
उनका कहना है कि राज्य में 2000 से अधिक स्पिनिंग इकाइयां केवल रूई पर ही आश्रित हैं और यदि पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल प्राप्त नहीं हुआ तो उन मिलों में उत्पादन ठप्प पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि फिलहाल रूई की आपूर्ति का लीन या ऑफ सीजन चल रहा है तमिलनाडु में अवस्थित उद्योग को रूई की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
इससे वहां या तो तत्काल शुल्क मुक्त रूई आयात का कोटा आवंटित किए जाने की आवश्यकता है या फिर रूई के आयात पर लगे सीमा शुल्क को स्थायी तौर पर समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने एक पत्र में कहा है कि राज्य की स्पिनिंग मिलों के पास खपत के लिए रूई का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध नहीं है। इन इकाइयों को सितम्बर में भी रूई के अभाव का सामना करना पड़ेगा। घरेलू प्रभाग में रूई के नए माल की आवक अक्टूबर में आरंभ होगी।
मुख्यमंत्री ने आगाह किया है कि यदि तत्काल तमिलनाडु के मिलर्स को 25 लाख गांठ रूई के शुल्क मुक्त आयात का कोटा आवंटित नहीं किया गया और इस अवधि के दौरान तूतीकोरिन बंदरगाह पर आयातित रूई की खेप नहीं पहुंची तो तमिलनाडु की अधिकांश मिलों में उत्पादन रुक जाएगा।
मुख्यमंत्री का कहना था कि कपड़ा उद्योग तमिलनाडु में करीब 1.50 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है और यदि मिलें बंद हुईं तो श्रमिक बहुत बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे।
उधर साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन (सीमा) के महामंत्री का कहना है कि रूई पर 11 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू होने से स्पिनिंग मिलों को कॉटन यार्न के निर्यात पर 'पड़ता' नहीं बैठ रहा है।
यदि केन्द्र सरकार इस सीमा शुल्क को हटा देती है तो राज्य की स्पिनिंग इकाइयां विदेशों से रूई का आयात करने में सक्षम हो जाएंगी। वर्तमान समय में गुजरात तथा महाराष्ट्र से खरीदने के बजाए अफ्रीकी देशों से रूई का आयात करना सस्ता पड़ सकता है बशर्ते इस पर 11 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू न हो।