iGrain India - बंगलौर । किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता देने के उद्देश्य से कर्नाटक राज्य दलहन विकास बोर्ड में भौगोलिक संकेतक (जीआईटैग) के साथ कलबुर्गी (गुलबर्गा) जिले में उत्पादित खास किस्म की तुवर से निर्मित दाल की बिक्री 'भीमा पल्सेस ब्रांड' नाम से आरम्भ की है।
राज्य के कृषि मंत्री का कहना है कि भीमा तुवर दाल की दो श्रेणियां होगी- एक प्रीमियम वैरायटी, जिसका दाम 180 रुपए प्रति किलो होगा और दूसरी कमर्शियल वैरायटी, जिसे 160 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा।
दलहन विकास बोर्ड के अनुसार भीमा तुवर दाल की पैकिंग पर जो लोगों अंकित किया गया है वह तुवर उत्पादक क्षेत्र की विरासत का प्रतिनिधित्व करता है।
भीमा नदी के नाम पर इस ब्रांड का नाम रखा गया है और यह सम्पूर्ण कर्नाटक के थोक एवं खुदरा स्टोर पर उपलब्ध होगा। दलहन विकास बोर्ड स्थानीय किसानों से साबुत तुवर की खरीद करके तुवर दाल का विपणन करेगा।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक तुवर का प्रमुख उत्पादक राज्य है। वहां कलबुर्गी जिला इसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है जहां उच्च क्वालिटी की तुवर का उत्पादन होता है।
कलबुर्गी के अलावा कर्नाटक में बीदर, यद्गीर, विजापुर, रायचूर, बेलगाम, बगलकोट एवं गडग जिलों में भी अरहर (तुवर) की खेती होती है। इन जिलों में बारिश कहीं कम और कहीं ज्यादा हुई है जबकि राज्य में तुवर का कुल क्षेत्रफल गत वर्ष से काफी पीछे रह गया है।
गुलबर्गा की तुवर को अच्छी क्वालिटी का माना जाता है। सामान्य किस्म की तुवर दाल का दाम भी पिछले अनेक महीनों से ऊंचे स्तर पर बरकरार है।