iGrain India - नई दिल्ली । हाल के सप्ताहों में चना के घरेलू बाजार मूल्य में आई तेजी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है लेकिन यह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है। सम्पूर्ण दाल दलहन बाजार ऊंचा एवं तेज चल रहा है।
एग्री कॉमोडिटी मार्केट की एक अग्रणी रिसर्ज फर्म- आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान के अनुसार 2022-23 के रबी सीजन के दौरान सरकारी एजेंसी- नैफेड द्वारा किसानों से करीब 23.50 लाख टन चना खरीदा गया जबकि इसके पास लगभग 14 लाख टन का स्टॉक पहले से ही मौजूद था।
इस तरह बिक्री शुरू किए जाने से पूर्व इस एजेंसी के पास तकरीबन 37.50 लाख टन चना का भारी-भरकम स्टॉक उपलब्ध था।
राहुल चौहान के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि हाजिर बाजार में चना का अभाव हो गया है।
नैफेड द्वारा किसानों से विशाल मात्रा में खरीद किए जाने के कारण बड़ी-बड़ी कंपनियों तथा व्यापारियों-स्टॉकिस्टों ने इस बार चना का लम्बा चौड़ा स्टॉक नहीं बनाया है। दाल मिलों के पास भी इसका ज्यादा स्टॉक नहीं है।
ऐसी हालत में मांग निकलने से चना के दाम में स्वाभाविक रूप से वृद्धि हो गई। धीरे-धीरे इसके मूल्य में 1000-1200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हो गया।
एक प्रमुख खपत बाजार-दिल्ली में चना का भाव 75 रुपए और बढ़कर पिछले दिन 6150/6175 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। नैफेड द्वारा विभिन्न स्थानों पर अपने पुराने स्टॉक के चने की बिक्री आरंभ की जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद हाजिर बाजार में तेजी थम नहीं रही है।
इंदौर स्थित संस्था- ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चना का वास्तविक घरेलू उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम हुआ है। सरकार ने 135.43 लाख टन चना के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया है मगर वास्तविक उत्पादन 90-95 लाख टन के आसपास ही पहुंच सका।