iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून की हालत संतोषजनक नहीं होने के बावजूद केन्द्र सरकार की चालू खरीफ सीजन में धान-चावल का उत्पादन बढ़ने का भरोसा है क्योंकि धान के क्षेत्रफल में कुछ बढ़ोत्तरी हुई हैं।
प्रमुख उत्पादक राज्यों से प्राप्त आरंभिक रिपोर्ट के आधार पर केन्द्र ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में चावल का घरेलू उत्पादन बढ़कर गत सीजन (2022-23) के 1100 लाख टन से ऊपर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है और उसके अनुरूप केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने चावल की खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 521 लाख टन निर्धारित कर दिया है जो 2022-23 सीजन के वास्तविक कुल खरीद 496 लाख टन से 25 लाख टन ज्यादा है।
उल्लेखनीय है कि 2022-23 के खरीफ मार्केटिंग सीजन हेतु खाद्य मंत्रालय ने कुल 515.60 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन यूपी, बिहार, बंगाल एवं झारखंड जैसे राज्यों में मानसून की वर्षा कम होने तथा धान की पैदावार प्रभावित होने से चावल की कुल खरीद नियत लक्ष्य से पीछे रह गई।
आमतौर पर धान-चावल की सरकारी खरीद के लिए खरीफ मार्केटिंग सीजन अक्टूबर में आरंभ होकर अगले वर्ष मार्च तक जारी रहता है लेकिन पश्चिम बंगाल और आसाम जैसे राज्यों में खरीद की प्रक्रिया जून तक चलती रहती है क्योंकि वहां खरीफ कालीन धान की फसल की कटाई-तैयारी देर तक होती है।
इस बीच खाद्य सचिव ने कहा है कि चावल फोर्टीफिकेशन विषय पर आयोजित राज्यों के खाद्य मंत्रियों के दो दिवसीय कांफ्रेस में प्रांतीय सरकारों की ओर से जो फीड बैक दिया गया है उसके आधार पर इस बार चावल की खरीद का लक्ष्य नियत किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कांफ्रेंस में अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधियों ने सूचित किया कि उसके प्रान्त में धान-चावल का उत्पादन पिछले सीजन के लगभग बराबर ही होगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा सितम्बर के तीसरे सप्ताह में खरीफ कालीन चावल के उत्पादन का अपना पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा जबकि इसका सरकारी लक्ष्य 1110 लाख टन नियत किया गया है।