iGrain India - नई दिल्ली । कालीमिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक, केरल में बारिश की कमी के चलते कालीमिर्च की बेले सूखने लगी हैं। अगर आगामी एक सप्ताह तक उत्पादक केन्द्रों पर बारिश नहीं होती तो फसल को अच्छा नुकसान होने की संभावना है।
जिस कारण से व्यापारिक मनोवृत्ति बाजार में तेजी की बनी हुई है। बाजार सूत्रों का कहना है कि अगर आगामी दिनों में भी मौसम प्रतिकूल बना रहता है तो चालू सीजन में कालीमिर्च अपना 2016 का रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में कालीमिर्च का रिकॉर्ड भाव 740/750 रुपए बन गया था। सूत्रों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर बारिश की कमी के चलते विगत कुछ समय से कालीमिर्च की कीमतों में तेजी बनी हुई है।
चालू माह के दौरान अभी तक कीमतों में 50/55 रुपए प्रति किलो की तेजी दर्ज की जा चुकी है। वर्तमान में कोचीन बाजार में कालीमिर्च के भाव क्वालिटीनुसार 625/670 रुपए बोले जा रहे हैं। जबकि कर्नाटक में भाव 650 रुपए के स्तर पर पहुंच गए हैं। दिल्ली बाजार में भाव 685/715 रुपए एवं ग्वालियर 675/680 रुपए पर बोले जाने लगे हैं।
भाव गत वर्ष से अधिक
वर्तमान में कालीमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में लगभग 140/150 रुपए प्रति किलो ऊंचे चल रहे हैं। गत वर्ष अगस्त माह के अंत में कोचीन में कालीमिर्च का भाव 480/535 रुपए एवं कर्नाटक 500/505 रुपए चल रहा था।
बनी रहेगी तेजी
कमजोर आयात एवं घटते उत्पादन के अलावा वर्तमान में मौसम भी प्रतिकूल बना रहने से आगामी दिनों में भी कीमतों में तेजी रहने के अनुमान लगाए जा रहे है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कालीमिर्च का उत्पादन 64 हजार टन का रहा जबकि वर्ष 2021-22 में उत्पादन 70 हजार टन था। वर्तमान हालात को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2023-24 में भी कालीमिर्च के उत्पादन में गिरावट आएगी। जिस कारण नई फसल आने से पूर्व कालीमिर्च के भाव नया रिकॉर्ड बना सकते हैं। नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी माह में शुरू होगी।