iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन हेतु 521.27 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जो 2022-23 सीजन के नियत लक्ष्य 518 लाख टन तथा कुल वास्तविक खरीद 496 लाख टन से ज्यादा है।
आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन अक्टूबर 2023 से आरंभ होकर मार्च 2024 तक बरकरार रहेगा। इस अवधि के दौरान पंजाब में 122 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 61 लाख टन, तेलंगाना में 50 लाख टन, उड़ीसा में 44.28 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 44 लाख टन,
हरियाणा में 40 लाख टन, मध्य प्रदेश में 34 लाख टन, बिहार में 30 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 25 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 24 लाख टन और तमिलनाडु में 15 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 21 अगस्त 2023 को राज्यों के खाद्य सचिवों तथा भारतीय खाद्य निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया और प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में खरीद का लक्ष्य नियत करते हुए इसकी खरीद की व्यवस्था करने पर बातचीत की गई।
धान के उत्पादन क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन मानसून की हालत कमजोर बनी हुई है। इसके बावजूद चावल की खरीद का लक्ष्य कुछ बढ़ाया गया है। इसमें केन्द्र सरकार के बजाए प्रांतीय सरकारों के आंकड़ों को विशेष महत्व दिया गया है।
राज्यों के खाद्य सचिवों ने उत्पादन का जो अनुमानित ब्यौरा प्रस्तुत किया उसके आधार पर चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित हुआ। केन्द्रीय पूल में चावल का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्यों की सूची में पंजाब प्रथम स्थान पर बरकरार है जबकि छत्तीसगढ़ दूसरे एवं तेलंगाना तीसरे नम्बर पर रहेगा। इन दोनों प्रांतों में हाल के वर्षों में धान का उत्पादन अत्यन्त तेजी से बढ़ा है।
चावल का बेहतर उत्पादन होना आवश्यक है क्योंकि इससे घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में तेजी पर अंकुश लग सकेगा। हालात सुविधाजनक होने पर सरकार कच्चे चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के बारे में सोच सकती है।