iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलिया में मसूर की आपूर्ति का लीन या ऑफ सीजन आरंभ हो चुका है जिससे वहां इस महत्वपूर्ण दलहन का स्टॉक काफी घट गया है। भारत सहित अन्य आयातक देशों की मांग मजबूत बनी हुई है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार हाल ही में भारत के खरीदारों ने जो आयात अनुबंध किया है उसके तहत मसूर का दाम पिछले माह की तुलना में करीब 30 डॉलर प्रति टन ऊंचा रहा। इसके बावजूद भारतीय आयातक ऑस्ट्रेलिया में मसूर की खरीद करने में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
समीक्षकों के अनुसार पिछले सप्ताह क्लीयर ग्रेन एक्सचेंज में छोटी निप्पर किस्म की मसूर का भाव सुधरकर 850 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया जो विक्टोरिया प्रान्त की दिसावरी मंडी में डिलीवरी बाकी है।
इससे पूर्व गत सप्ताह इसमें 50 डॉलर प्रति टन का इजाफा दर्ज किया गया था। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि व्यापारियों- निर्यातकों के पास मसूर का स्टॉक घटकर काफी कम रह गया है।
विश्लेषकों के मुताबिक मसूर का बकाया स्टॉक तो है मगर इसकी मात्रा बहुत कम है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया अपनी मसूर के अधिकांश भाग का निर्यात पहले ही कर चुका है।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया में मसूर का आगामी उत्पादन भी शानदार होने का अनुमान लगाया जा रहा है जिससे आगामी महीनों में इसका बाजार भाव नरम पड़ सकता था लेकिन प्रतिद्वंदी देश- कनाडा में सूखे का संकट होने से मसूर के उत्पादन में पूर्व अनुमान के मुकाबले काफी गिरावट आने की संभावना से कीमतों में तेजी-मजबूती का रूख बरकरार रह सकता है जिससे ऑस्ट्रेलियाई मसूर बाजार को कुछ समर्थन मिलने की संभावना है।
ऑस्ट्रेलिया के उत्पादक मसूर की आगामी नई फसल के लिए अग्रिम अनुबंध करना तो चाहते हैं लेकिन वास्तविक बाजार भाव की सटीक जानकारी होने से वे दुविधा में फंसे हुए हैं।
वे नवम्बर से पूर्व की डिलीवरी के लिए कारोबारियों के साथ मसूर की बिक्री का अनुबंध करने से हिचक रहे हैं। दरअसल अल नीनो मौसम चक्र की वजह से वहां किसानों को अपनी फसल के उत्पादन के अनुमान पर संदेह बना हुआ है।