iGrain India - चंडीगढ़ । पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान पंजाब में बासमती धान के उत्पादन क्षेत्र में कम से कम 16 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
पंजाब के कृषि मंत्री के अनुसार राज्य में अमृतसर जिला बासमती धान की खेती में शीर्ष स्तर पर रहा जहां इसका क्षेत्रफल बढ़कर 1.35 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
कृषि मंत्री के मुताबिक राज्य में फसल विविधिकरण योजना को इससे काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में चालू खरीफ सीजन के दौरान 14 अगस्त तक धान का कुल उत्पादन क्षेत्र 31.88 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जिसमें 5.74 लाख हेक्टेयर में बासमती धान का क्षेत्रफल भी शामिल था।
इसके मुकाबले 2022-23 के खरीफ सीजन में 4.95 लाख हेक्टेयर में बासमती की खेती हुई थी जबकि धान का कुल क्षेत्रफल 31.68 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था। इन आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में इस बार पंजाब में गैर बासमती धान के रकबे में कमी आई है।
कृषि मंत्री के अनुसार अमृतसर के बाद मुक्तसर, फाजिल्का तथा तरन तारन जिलों में बासमती धान की खेती सबसे अधिक क्षेत्रफल में हुई है। उल्लेखनीय है कि पंजाब केन्द्रीय पूल में धान-चावल का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य है।
बासमती धान का खुला बाजार भाव 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में उछलकर काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच जाने से किसानों को इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिला।
मालूम हो कि बासमती धान के लिए न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का निर्धारण होता है और न ही आमतौर पर इसकी सरकारी खरीद होती है।
इसका भाव बाजार की शक्तियां नियत करती हैं जो मुख्यत: बासमती चावल के निर्यात ऑफर मूल्य और इसकी वैश्विक मांग पर आधारित होती हैं।
2022-23 के मार्केटिंग सीजन में बासमती चावल का भाव ऊंचे स्तर पर रहने के बावजूद निर्यात प्रदर्शन बेहतर चल रहा है इसलिए मिलर्स, व्यापारियों एवं निर्यातकों को ऊंचे दाम पर बासमती धान खरीदने में कठिनाई नहीं हो रही है।