iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि सरकार चावल फोर्टिफिकेशन की योजना को मार्च 2024 के नियत लक्ष्य की समय सीमा से पहले ही पूरी तरह क्रियान्वित करेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2021 के स्वाधीनता दिवस के अपने सम्बोधन में कहा था कि सरकार का इरादा वर्ष 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण सुनिश्चित करना है।
इसके बाद फोर्टिफाइड चावल के वितरण के लिए एक स्कीम बनाई गई और अक्टूबर 2021 में उसे लागू किया गया। तत्पश्चात चरणबद्ध रूप से इसका विस्तार होता रहा।
अप्रैल 2022 में आर्थिक मामलों की केन्द्रीय कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम- पोषण) तथा स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के जरिए फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया।
चरणबद्ध रूप से वर्ष 2024 तक इस योजना को देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में क्रियान्वित करने की मंजूरी दी गई। राइस फोर्टीफ़िकेशन पर कुल वार्षिक खर्च करीब 2700 करोड़ रुपए बैठता है इसका भार केन्द्र सरकार द्वारा उठाया जाएगा और उसे खाद्य सब्सिडी का एक भाग माना जाएगा।
पहले इसे जून 2024 तक पूरी तरह लागू करने का प्लान था लेकिन अब सरकार ने मार्च 2024 से पहले ही इसे क्रियान्वित करने का निश्चय किया है।
केन्द्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के अनुसार वितरण की तेज गति को देखते हुए उम्मीद है कि नियत समय से पूर्व ही लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा और पीडीएस में वितरित होने वाला चावल फोर्टिफाइड रहेगा।