iGrain India - कोच्चि । मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से छोटी (हरी) इलायची के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है जबकि आगामी महीनों में त्यौहारी सीजन भी जारी रहेगा।
छोटी इलायची का भाव पहले ऊंचा एवं तेज चल रहा था जिसका फायदा उठाने के लिए इसकी बिकवाली बढ़ाई गई। इससे कीमतों पर कुछ दबाव पड़ने लगा। प्रमुख नीलामी केन्द्रों में इसकी आवक अपेक्षाकृत कम हो रही है जबकि जल्दी ही इसमें दिसावरी मांग निकलने की उम्मीद है।
छोटी इलायची के नए माल की तुड़ाई-तैयारी का सीजन पहले ही आरंभ हो चुका है और पहले चरण की तुड़ाई समाप्त भी हो चुकी है जबकि दूसरे चरण की तुड़ाई जल्दी ही शुरू होने वाली है लेकिन फिर भी नीलामी केन्द्रों में इसकी आपूर्ति का दबाव नहीं देखा जा रहा है।
वैसे भी उत्पादक अब नीचे दाम पर अपना माल नहीं बेचना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उत्पादन में गिरावट की वजह से इसका दाम आगे तेज हो सकता है।
समझा जाता है कि घरेलू प्रभाग में आगामी कुछ महीनों तक इलायची की मांग एवं खपत बढ़ेगी। उधर खाड़ी क्षेत्रों के देशों से भी इसकी अच्छी मांग निकलने की उम्मीद है जिससे बाजार को मजबूती मिल सकती है।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत से 7352 टन हरी इलायची का निर्यात हुआ जिससे 875.14 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इसके मुकाबले 2021-22 में इसकी निर्यात मात्रा 10,571 टन तथा निर्यात आय 1375.66 करोड़ रुपए दर्ज की गई थी।
केरल में मौसम इस बार इलायची की फसल के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं रहा और इसलिए उत्पादकों द्वारा इसकी पैदावार में गिरावट की आशंका व्यक्त की जा रही है।