iGrain India - मैसूर । दक्षिण भारत में अवस्थित देश के तीसरे सबसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य- कर्नाटक में चालू वर्ष के दौरान सही समय पर अच्छी बारिश नहीं होने से गन्ना की फसल बुरी तरह प्रभावित होने के संकेत मिल रहे हैं जिससे 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में चीनी का उत्पादन 20 प्रतिशत तक घटने की संभावना व्यक्त की जा रही है। महाराष्ट्र में भी उत्पादन कम होने की आशंका है।
कर्नाटक में खतरे की घंटी पहले से ही बजनी शुरू हो गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के गन्ना आयुक्त को चीनी मिलों से यह अपील करनी पड़ रही है कि वे गन्ना की क्रशिंग में जल्दबाजी न दिखाएं और उसे कुछ समय तक स्थगित रखने की कोशिश करें क्योंकि गन्ना की फसल को परिपक्व होने में कुछ समय लगेगा।
प्राप्त सूचना के अनुसार जुलाई माह के दौरान कर्नाटक के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में सामान्य औसत से करीब 55 प्रतिशत कम बारिश हुई जबकि पड़ोसी राज्य- महाराष्ट्र में वर्ष की कमी 71 प्रतिशत तक पहुंच गई।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के मिलर्स काफी असमंजस में फंसे हुए हैं। उन्हें सितम्बर में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है जिससे गन्ना फसल की हालत कुछ सुधर सकती है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन का वह अंतिम महीना गन्ना की फसल के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यदि उम्मीद के अनुरूप अगले महीने इन दोनों राज्यों में अच्छी बारिश हुई तो चीनी के उत्पादन में कम गिरावट आ सकती है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन 2021-22 के मुकाबले कर्नाटक में 60 लाख टन से घटकर 57 लाख टन एवं महाराष्ट्र में 137 लाख टन से लुढ़ककर 105 लाख टन पर सिमट गया। कर्नाटक में कुल 71 चीनी मिलें हैं जिसमें से सर्वाधिक 24 इकाइयां बेलागवी जिले में अवस्थित हैं।
उधर चीनी मिलों की शीर्ष संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के राष्ट्रीय स्तर पर चीनी का कुल उत्पादन घटकर 317 लाख टन पर सिमटने का आरंभिक अनुमान लगाया है जो 2022 -23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 328 लाख टन से 11 लाख टन कम है।