iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्यान्न के मुफ्त वितरण की प्रक्रिया को अगले साल तक बरकरार रखने की संभावना पर विचार कर रही है क्योंकि वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान लोकसभा का चुनाव होना है और सरकार कोई अतिरिक्त जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
24 अरब डॉलर की इस योजना को अगले छह माह तक बढ़ाकर 2024 तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है जबकि इसकी अवधि 31 दिसम्बर 2023 को समाप्त होने वाली है।
समझा जाता है कि इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा आगामी महीनों में किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक विस्तारित योजना पर मामूली खर्च बैठने की संभावना है जिसे चालू वित्त वर्ष के बजट आवंटन से पूरा किया जा सकता है।
मालूम हो कि यह योजना दिसम्बर 2022 में एक साल के लिए लागू की गई थी जिसके तहत देश के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त में प्रतिमाह चावल और गेहूं का वितरण किया जा रहा है।
समीक्षकों का कहना है कि यदि दिसम्बर 2023 के अंत में इस योजना को बंद कर दिया गया तो इससे अगले वर्ष के आम चुनाव पर असर पड़ सकता है।
ध्यान देने की बात है कि देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी एवं आर्थिक कठिनाई से आम लोग काफी परेशान हैं और विपक्षी दल अगले चुनाव में इसे मुख्य मुद्दा बना सकता है।
यदि मुफ्त राशन वितरण योजना बंद हो गई तो खुले बाजार में चावल तथा गेहूं का भाव कुछ और बढ़ सकता है जो सरकार के पक्ष में नहीं होगा।