iGrain India - नई दिल्ली । देश के कुछ अग्रणी चीनी उत्पादक राज्यों में बारिश की कमी से गन्ना की फसल सूखने लगी है। इसे तत्काल अच्छी वर्षा की सख्त आवश्यकता है अन्यथा 2023-24 के नए मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान चीनी के घरेलू उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
मालूम हो कि 2022-23 के सीजन में भी चीनी का उत्पादन 2021-22 सीजन के 358 लाख टन से 30 लाख टन घटकर 328 लाख टन पर सिमट गया जिससे सरकार को जून 2023 से इसका निर्यात स्थगित रखने का निर्णय लेना पड़ा।
चालू वर्ष के हालात से सरकार भी अवगत है इसलिए उसने स्पष्ट कहा है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के लिए चीनी के निर्यात की अनुमति दी जाए या नहीं- इसका फैसला तभी लिया जाएगा जब चीनी के उत्पादन का अंतिम आंकड़ा उपलब्ध होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगले छह माह तक चीनी के निर्यात शिपमेंट की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।
उधर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव काफी ऊंचा और मजबूत चल रहा है मगर भारतीय मिलर्स एवं निर्यातक इसका फायदा उठाने की स्थिति में नहीं है।
शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चीनी का उत्पादन 2022-23 के 328 लाख टन से घटकर 2023-24 में 317 लाख टन रह जाने का आरंभिक अनुमान लगाया है लेकिन सरकार को उम्मीद है कि कुल उत्पादन लगभग बराबर ही रहेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 55.59 लाख हेक्टेयर से 47 हजार हेक्टेयर बढ़कर इस बार 56.06 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। उत्तर प्रदेश में इसका रकबा 23.60 लाख हेक्टेयर से उछलकर 27.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है मगर गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों में घट गया है। गन्ना की क्रशिंग का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर अक्टूबर 2023 से आरंभ हो जाएगा।