💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

अगस्त का महीना रहा सूखा- अब सितम्बर के मानसून से आस

प्रकाशित 31/08/2023, 10:28 am
अगस्त का महीना रहा सूखा- अब सितम्बर के मानसून से आस

iGrain India - नई दिल्ली । इसे अप्रत्याशित तो नहीं लेकिन चिंताजनक अवश्य माना जाएगा कि अगस्त माह के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश में भारी गिरावट आ गई। ध्यान देने की बात है कि देश में जुलाई के बाद अगस्त को दूसरा सर्वाधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है और इस माह की बारिश खरीफ फसलों के लिए 'टॉनिक' का काम करती हैं।

यह सही है कि अगस्त में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा हुई लेकिन कुल मिलाकर मानसून बहुत कमजोर रहा। केवल पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर देश के अन्य भागों में मानसून की निष्क्रियता काफी हद तक बरकरार रही।

सबसे खराब हालत दक्षिण भारत में देखी गई जहां सामान्य औसत की केवल 38 प्रतिशत बारिश हुई। इससे खरीफ फसलों के साथ-साथ मसालों एवं अन्य बागानी फसलों को भी क्षति होने की आशंका बढ़ गई है। 

अब सितम्बर के मानसून पर सबकी आस टिकी हुई है। मौसम विभाग ने सितम्बर में सामान्य वर्षा होने की संभावना व्यक्त की थी। कुछ विदेशी मौसम पूर्वानुमान केन्द्रों ने भी सितम्बर के प्रथम सप्ताह के दौरान खासकर दक्षिण भारत में अच्छी वर्षा का अनुमान लगाया है।

सिर्फ दक्षिण राज्यों गुजरात, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ जैसे प्रांतों में भी खरीफ फसलों को तत्काल भारी वर्षा की सख्त आवश्यकता है  अन्यथा उसके सूखने का खतरा पैदा हो सकता है। 

कृषि विशेषज्ञों को भय है कि यदि सितम्बर में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई तो न केवल खरीफ फसलों को भारी नुकसान हो सकता है बल्कि आगामी रबी फसलों की अगैती बिजाई भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

वर्षा पर आश्रित क्षेत्रों में मामला गंभीर होने की आशंका है। ऐसा प्रतीत होता है कि मानसून पर अल नीनो मौसम-चक्र का असर और दबाव पड़ना शुरू हो गया है क्योंकि अगस्त में बंगाल की खाड़ी, अरब सागर एवं हिन्द महासागर में कोई बड़ा कम दाब का क्षेत्र अथवा डिप्रेशन सामने नहीं आया जो मानसून को सघन और गतिशील बना सकता था।

जैसे अल नीनो के कथित प्रभाव के बावजूद यह आवश्यक नहीं है कि मानसून कमजोर बना रहे और देश में वर्षा कम हो। अक्सर अल नीनो के समय में भी अच्छी वर्षा होती रही है इसलिए अभी उम्मीद बाकी है। खाद्य महंगाई बढ़ती जा रही है जिससे सरकार चिंतित है। घरेलू बाजार पर कमजोर मानसून का भी मनोवैज्ञानिक असर पड़ रहा है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित