iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर धान का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 367.82 लाख हेक्टेयर से 16.23 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस बार 384.05 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है लेकिन चालू माह की कमजोर वर्षा ने फसल के बारे में चिंता बढ़ा दी है।
धान ऐसा खाद्यान्न है जिसकी खेती देश के सभी राज्यों में होती है और उसे सिंचाई के लिए सर्वाधिक पानी की जरूरत पड़ती है। तेलंगाना सहित कुछ अन्य राज्यों में धान की खेती अभी जारी है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान देश के अधिकतर राज्यों में धान का रकबा बढ़ा है। इसके तहत धान का उत्पादन क्षेत्र उत्तर प्रदेश में 57.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 58.81 लाख हेक्टेयर,
पश्चिम बंगाल में 36.93 लाख हेक्टेयर से सुधर कर 37.86 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 31.68 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 31.93 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 12.40 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14.04 लाख हेक्टेयर बिहार में 31.93 लाख हेक्टेयर,
हरियाणा में 12.40 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14.04 लाख हेक्टेयर बिहार में 29.80 लाख हेक्टेयर से उछलकर 34.88 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 32.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 33.31 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 33.22 लाख हेक्टेयर से उछलकर 37.47 लाख हेक्टेयर,
झारखंड में 6.95 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.77 लाख हेक्टेयर एवं गुजरात में 8.49 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 8.65 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसके अलावा आसाम में 18.37 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 2.43 लाख हेक्टेयर, महराष्ट्र में 14.83 लाख, हिमाचल प्रदेश में 88 हजार तथा उत्तराखंड में 2.29 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई है।
दक्षिण भारत में क्षेत्रफल गत वर्ष से पीछे चल रहा है। तेलंगाना एवं उड़ीसा सहित देश के अन्य प्रांतों में धान का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 64.58 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 66.32 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। अगर सितम्बर माह के दौरान देश के सभी भागों में मानसून सक्रिय रहता है और दूर-दूर तक अच्छी वर्षा होती है तो धान की फसल की हालत में काफी सुधार आ सकता है।