iGrain India - मुम्बई । महाराष्ट्र में वर्षा का अभाव होने से खरीफ फसलों को क्षति पहुंचने की बढ़ती आशंका के साथ किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भारी दिलचस्पी दिखानी शुरू का दी है।
केन्द्र सरकार की इस अग्रणी एवं महत्वकांक्षी स्कीम के तहत अब तक 2023 के कुल खरीफ क्षेत्रफल में से 301.40 लाख हेक्टेयर के लिए फसल बीमा योजना की जा चुकी है जो पिछले साल से करीब 12 प्रतिशत अधिक है।
इसके तहत सर्वाधिक बढ़ोत्तरी महाराष्ट्र में हुई है जहां अगस्त माह के दौरान सामान्य औसत से करीब 39 प्रतिशत कम वर्सा हुई।
राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम का भार उठाने का निर्णय लिए जाने के बाद महाराष्ट्र में खरीफ फसलों का कुल सीमित क्षेत्रफल लगभग दोगुना बढ़कर 114 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जबकि अन्य महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रांतों- राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में बीमा वाले उत्पादन क्षेत्र का दायरा अब वर्ष के लगभग बराबर ही है।
कुछ राज्यों में बीमाकर्ता अब सितम्बर की बारिश का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि अगस्त अखिल भारतीय स्तर पर वर्षा की कमी बढ़कर 35 प्रतिशत पर पहुंच गई जिससे अनेक इलाकों में खरीफ फसलों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
हालांकि आंकड़ा संकलन के दौरान बीमित किसानों की संख्या एवं खरीफ फसलों के क्षेत्रफल में कुछ अधिक योग हो सकता है लेकिन जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में बीमा नामांकन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है। जम्मू कश्मीर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के नामांकन की तिथि आज यानी 31 अगस्त 2023 तक बढ़ा दी गई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के गैर कर्जदार किसानों ने नामांकन में जबरदस्त इजाफा हुआ है और उसके द्वारा बीमित क्षेत्रफल का दायरा पिछले साल से 71 प्रतिशत उछलकर 142.50 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
दूसरी ओर कर्जदार (ऋण लेने वाले) किसानों द्वारा बीमित क्षेत्रफल 15 प्रतिशत घटकर 158.90 लाख हेक्टेयर रह गया। महाराष्ट्र में फसल बीमा योजना के तहत किसानों के प्रीमियम पर सब्सिडी देने का फैसला किया गया जिससे किसानों को महज 1 रुपए के प्रीमियम पर बीमा योजना में अपना नामांकन करने का अवसर मिल गया।