iGrain India - कराची । जमाखोरी, तस्करी एवं मुद्रा अवमूल्यन के कारण पाकिस्तान में आम लोगों की मुसीबत पहले ही काफी बढ़ चुकी थी जबकि अब चीनी, दालों तथा खाद्य तेलों / घी का भाव तेज होने से उसकी कठिनाई और भी बढ़ गई है। दो-तीन दिन पूर्व तक चीनी का थोक 164-165 रुपए प्रति किलो था जो अब बढ़कर 172 रुपए प्रति किलो हो गया है।
खुदरा बाजार में कहीं-कहीं इसका दाम 185 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। कुछ ऑनलाइन रिटेलर्स ने तो 500 ग्राम (आधा किलो) चीनी के पैक का दाम 99 रुपए तक वसूलना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने 10 अगस्त से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है।
तमाम सम्बद्ध एजेंसियों को चीनी की जमाखोरी, काला बाजारी एवं तस्करी पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद चीनी के दाम में नरमी या स्थिरता आने के कई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
कराची होल सेलर्स ग्रोसर्स एसोसिएशन के चेयरमैन का कहना है कि केयर टेकर सरकार के आदेश का कोई पालन नहीं हो रहा है। इस बीच यह चर्चा भी बाजार में हो रही है कि बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने विदेशों से चीनी के आयात की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
चेयरमैन का कहना है कि पाकिस्तान में अभी 20 लाख टन से अधिक चीनी का स्टॉक मौजूद है इसलिए विदेशों से इसके आयात की आवश्यकता नहीं है केवल जमाखोरी एवं काला बाजारी पर अंकुश लगाना जरुरी है।
इसी तरह मुद्रा अवमूल्यन के कारण विदेशों से आयातित दलहनों-दालों एवं खाद्य तेल का दाम भी काफी ऊंचा हो गया है। पाकिस्तान में इसका उत्पादन सीमित होता है।
इसलिए उसे इसके आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। पाकिस्तान में डॉलर की कमी है और उसकी मुद्रा का मूल्य काफी घट गया है इसलिए आयात खर्च काफी ऊंचा बैठ रहा है। वहां ऑस्ट्रेलिया एवं कनाडा सहित कुछ अन्य देशों से दलहनों का आयात किया जाता है।