iGrain India - भवानी पटना । उड़ीसा में इंद्रावती नहर प्रणाली के अंतर्गत आने वाले अयाकुट इलाके में वर्षा का भारी अभाव होने से किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है। खरीफ फसलों का तो बुरा हाल हो ही रहा है साथ-साथ आगामी रबी फसलों की खेती पर भी संदेह गहराने लगा है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष इंद्रावती जलाशय में 31 अगस्त तक केवल 843 मि०मी० बारिश हुई जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1628 मि०मी० वर्षा हुई थी।
गत वर्ष इस जलाशय में कुल यानी भंडारण क्षमता का 87.58 प्रतिशत भाग भरा हुआ था मगर चालू वर्ष में केवल 30.12 प्रतिशत क्षमता का ही पानी उपलब्ध है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस जलाशय के पास 1,48,550 हेक्टेयर मीटर पानी के भंडारण की क्षमता है और पिछले साल उसमें 1,30,113 हेक्टेयर मीटर पानी मौजूद था जबकि चालू वर्ष में अगस्त के अंत तक उसमें सिर्फ 44,751 हेक्टेयर मीटर पानी उपलब्ध था।
इसके फलस्वरूप खरीफ फसलों की बिजाई के लिए इस जलाशय से पानी की निकासी करना मुश्किल हो गया है जबकि मानसून की वर्षा का भी घोर अभाव बना हुआ है। ऐसी हालत में किसानों का चिंतित होना स्वाभाविक ही है।
इसके बावजूद चालू खरीफ सीजन के दौरान इस जलाशय से अब तक 1,15,615 हेक्टेयर जमीन के लिए पानी छोड़ा जा चुका है जिससे जैपटना, धरमगढ़, जूनागढ़, कलामपुर, कोकसारा, गोलमुंडा तथा भवानी पटना प्रखंडों के 429 गांवों में 99,177 किसानों को फायदा हुआ है।
अब रोटेशन आधार पर यानी बारी-बारी से विभिन्न क्षेत्रों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है।