iGrain India - हल्दी की कीमतों में गिरावट : प्रतिकूल मौसम के चलते आगामी दिनों में भाव बढ़ने की संभावना
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि गत दिनों हल्दी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के पश्चात एक ओर जहां बाजारों में मुनाफावसूली बिवकाली देखी गई वहीँ दूसरी तरफ बढ़े भावों पर मांग प्रभावित हुई। जिस कारण से कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
बाजार सूत्रों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी की बिजाई घटने के पश्चात वर्तमान में मौसम भी फसल के प्रतिकूल बना हुआ है। जिस कारण से आने वाली फसल अवश्य ही प्रभावित होगी। जिस कारण से आगामी दिनों में हल्दी के दामों ने फिर से तेजी दर्ज की जा सकती है। क्योंकि आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में कम रहने के अलावा बकाया स्टॉक भी कम रहने के समाचार है।
कीमतों में गिरावट
हाजिर में कमजोर मांग एवं बढ़ती बिकवाली के कारण चालू सप्ताह के दौरान इरोड मंडी में हल्दी गट्ठा का भाव 138/135 रुपए से मंदे के साथ 117/120 रुपए एवं फली का भाव 135/137 रुपए से नरमी के साथ 125/127 रुपए प्रति किलो पर बोला गया है। महाराष्ट्र की नांदेड मंडी में हल्दी फिगर का भाव 140/147 रुपए से मंदे के साथ सप्ताह के अंत में 130/142 रुपए पर बोला जा रहा था मगर इन भावों पर कारोबार कम रहा। उत्पादक केन्द्रों के मंदे समाचार मिलने एवं लोकल में भी उठाव कम रह जाने से दिल्ली बाजार में भी हल्दी सिंगल पालिश गट्ठा का भाव सप्ताहांत में 148 रुपए बोला गया जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 154 रुपए बोला जा रहा था।
वायदा बाजार
चालू सप्ताह के दौरान वायदा बाजार में भी हल्दी के भाव मंदे के साथ बोले गए। वायदा में अक्टूबर माह का वायदा 16154 रुपए पर खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 15040 रुपए पर बंद हुआ है। जबकि दिसम्बर का वायदा 17040 रुपए खुलकर सप्ताह के अंत में 15784 रुपए पर बंद हुआ है।
स्टॉक कम
जानकार सूत्रों का कहना है कि नई फसल जोकि जनवरी-फरवरी माह में आएगी तब तक के लिए खपत की तुलना में स्टॉक कम माना जा रहा है। सूत्रों का मानना है कि वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर हल्दी का स्टॉक 30/32 लाख बोरी के आसपास होने के समाचार है। जबकि खपत 38/40 लाख बोरी की रहेगी।
अधिक मंदा नहीं
उल्लेखनीय है कि मुनाफावसूली बिकवाली बढ़ने के कारण विगत 15/20 दिनों के दौरान हल्दी की कीमतों में 20/25 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है। अब अधिक मंदे की संभावना नहीं है। सूत्रों का मानना है कि विगत दो माह के दौरान हल्दी के भाव डबल हो जाने के पश्चात कीमतों में 20/25 रुपए का कोई मायने नहीं रखता। उत्पादक केन्द्रों पर कमजोर स्टॉक एवं आने वाली फसल पर कम उतरने की संभावना आगामी दिनों में हल्दी की कीमतों में फिर तेजी का दौर बनेगा।
बरसात की जरूरत
वर्तमान उत्पादक केन्द्रों पर फसल को बारिश की जरूरत है अगर एक सप्ताह तक बारिश नहीं होती है तो जल्दी ही हल्दी की कीमतों में तेजी बननी शुरू हो जाएगी। अगर बारिश हो जाती है तो बाजार कुछ समय तक सीमित दायरे में बने रहेंगे।
निर्यात
चालू सीजन 2023-24 के प्रथम तीन माह में हल्दी के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-जून 2023 के दौरान हल्दी का निर्यात 57775 टन का किया गया। जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में निर्यात 49435 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 के दौरान हल्दी का कुल निर्यात 170085 टन का रहा था जबकि वर्ष 2021-22 के निर्यात 152758 टन का हुआ था। वर्ष 2020-21 में हल्दी का रिकॉर्ड 183868 टन का निर्यात किया गया था।