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तुवर के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी वर्षा की सख्त आवश्यकता

प्रकाशित 04/09/2023, 10:59 am
अपडेटेड 04/09/2023, 11:15 am
तुवर के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी वर्षा की सख्त आवश्यकता

iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख दलहन फसल- अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 45.27 लाख हेक्टेयर से 2.61 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 42.66 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों के महत्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी से फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

हालांकि दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वी भारत में पुनः सक्रिय हो गया है और उड़ीसा तथा-बिहार जैसे राज्यों में अच्छी बारिश होने लगी है मगर तुवर उत्पादक राज्यों में वर्षा का अभाव बना हुआ है। 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान अरहर का उत्पादन क्षेत्र महाराष्ट्र में 11.64 लाख हेक्टेयर से गिरकर 11.13 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 14 लाख हेक्टेयर से घटकर 13.44 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 4.37 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 4.13 लाख हेक्टेयर,

आंध्र प्रदेश में 1.63 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.17 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.17 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 2.04 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 3.63 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.56 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

राजस्थान में तुवर का रकबा 9 हजार हेक्टेयर के पिछले स्तर पर बरकरार रहा जबकि अन्य राज्यों में यह 7.73 लाख हटकेयर से घटकर 3.56 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। 

उपरोक्त आंकड़ों से पता चलता है कि यद्यपि राष्ट्रीय स्तर पर अरहर का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से करीब 2.60 लाख हेक्टेयर पीछे रह गया लेकिन किसी भी प्रमुख उत्पादन प्रान्त में इसके बिजाई क्षेत्र में जबरदस्त या अप्रत्याशित गिरावट नहीं आई है।

यदि मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल हो जाए तो तुवर का उत्पादन गत वर्ष के आसपास पहुंच सकता है। लेकिन इसकी ही समस्या बनी हुई है।

फसल की प्रगति के दृष्टिकोण से अत्यन्त महत्वपूर्ण माह-अगस्त के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों में मानसूनी वर्षा घोर अभाव रहा और मानसून का ब्रेक सबसे लम्बा देखा गया।

इससे तुवर की फसल कई क्षेत्रों में प्रभावित होने की सूचना मिल रही है। सितम्बर की अच्छी बारिश अनेक इलाकों में तुवर की फसल को नया जीवन दान दे सकती है। मौसम विभाग ने सामान्य वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।

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