iGrain India - नई दिल्ली । गुजरात मूंगफली एवं अरंडी का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान इस पश्चिमी प्रान्त में मूंगफली की बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई है जबकि अरंडी का रकबा आगे चल रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर जहां मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 15 लाख हेक्टेयर से घटकर से घटकर 43.37 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया वहीँ दूसरी ओर अरंडी का बिजाई क्षेत्र 7.26 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.53 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस बार मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र गुजरात में 17.08 लाख हेक्टेयर से घटकर 16.35 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 1.58 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.42 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। दूसरी ओर इसका बिजाई क्षेत्र मध्य प्रदेश में 4.51 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.40 लाख हेक्टेयर,
राजस्थान में 7.90 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.70 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.26 लाख हेक्टेयर से उछलकर 2.26 लाख हेक्टेयर तथा छत्तीसगढ़ में 51 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 53 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन उड़ीसा सहित देश के अन्य प्रांतों में मूंगफली का क्षेत्रफल गत वर्ष के 12.07 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 8.65 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
जहां तक अरंडी का सवाल है तो इसका कुल उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 7.26 लाख हेक्टेयर से 1.27 लाख हेक्टेयर बढ़कर चालू खरीफ सीजन में 8.53 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसके तहत अरंडी का रकबा गुजरात में 5.40 लाख हेक्टेयर से उछलकर 6.26 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 1.49 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.84 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
आंध्र प्रदेश में भी अरंडी का रकबा 25 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 32 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा जबकि अन्य प्रांतों में यह 9 हजार हेक्टेयर के पिछले स्तर पर बरकरार रहा।
उल्लेखनीय है कि गुजरात और राजस्थान देश में मूंगफली के दो सबसे प्रमुख उपादक प्रान्त हैं और अरंडी के उत्पादन में भी शीर्ष पर है। वहां वर्षा का अभाव बना हुआ है।