iGrain India - लखनऊ । उत्तर प्रदेश में गन्ना का राज्य समर्थित मूल्य (सैप) बढ़ने की संभावना है और उसकी घोषणा शीघ्र ही की जा सकती है। जानकार सूत्रों का कहना है कि सैप में बढ़ोत्तरी की घोषणा होने से चीनी मिलों पर भार बढ़ेगा।
2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए गन्ना के सैप में 25 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किए जाने की उम्मीद है। इससे राज्य की कुछ अग्रणी चीनी उत्पादक कंपनियों का शेयर मूल्य प्रभावित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग द्वारा 17 फरवरी 2023 को एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि सामान्य किस्म के गन्ना का सैप 340 रुपए प्रति क्विंटल, अगैती वैरायटी का सैप 350 रुपए प्रति क्विंटल तथा लेट में मैच्योरिटी किस्म के गन्ना का सैप 335 रुपए प्रति क्विंटल नियत हुआ है।
यह 2022-23 सीजन के लिए था। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव हुआ था जबकि उससे काफी पहले सितम्बर 2021 में गन्ना के सैप को अंतिम बार संशोधित किया गया था।
उत्तर प्रदेश गन्ना सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। वहां इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 23.60 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस वर्ष 27.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जबकि फसल की हालत संतोषजनक बनी हुई है।
यदि गन्ना के सैप में उम्मीद के अनुरूप 25 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा होता है तो किसानों को काफी राहत मिल सकती है जबकि चीनी मिलों पर भार कुछ बढ़ जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अगले महीने यानी अक्टूबर 2023 से गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का सीजन औपचारिक तौर पर आरम्भ हो जाएगा। चीनी के उत्पादन में महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे नम्बर पर है।
2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन महाराष्ट्र में काफी घटने एवं उत्तर प्रदेश में कुछ सुधरने के कारण दोनों राज्यों में लगभग समान स्तर पर आ गया। 2023-24 के सीजन में भी लगभग ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है क्योंकि वर्षा की कमी से महाराष्ट्र में फसल कमजोर पड़ती जा रही है।