iGrain India - नई दिल्ली । अगस्त में दक्षिण-पश्चिम मानसून के लम्बे ब्रेक ने खरीफ फसलों के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी थी लेकिन सरकार को उम्मीद है कि सितम्बर में बारिश अच्छी होगी जिससे फसलों की क्षति का दायरा सीमित हो जाएगा केन्द्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के अनुसार सरकार के पास खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है जबकि जल्दी ही धान-चावल के नए माल की आवक शुरू होने वाली है।
इसे देखते हुए देश की हालत चिंताजनक नहीं मानी जा सकती है। मौसम विभाग ने चालू माह के दौरान देश के अनेक भागों में सामान्य या इससे अधिक वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है जिससे अगस्त के सूखे का असर काफी घट जाएगा और कृषि उत्पादन की स्थिति कुछ बेहतर हो जाएगी। सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और फ़िलहाल किसी अन्य जिंस के निर्यात पर प्रतिबंध या नियंत्रण लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
खाद्य सचिव के अनुसार जिस उद्देश्य के लिए नियंत्रण लगाया गया है वह पहले ही पूरा हो चुका है। खाद्य एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं को सुचारु ढंग से संचालित करने के लिए केन्द्रीय पूल में चावल एवं गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है इसलिए फिलहाल चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
ध्यान देने की बात है कि देश से गेहूं तथा उसके सभी मूल्य वर्णित उत्पादों टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) तथा गैर बसंती सफेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर पहले से ही पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है।
इसके अलावा 25 अगस्त को सरकार ने गैर बासमती सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू कर दिया और बासमती चावल के लिए भी 1200 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित कर दिया। अगले महीने यानी अक्टूबर 2023 से खरीफ कालीन धान की सरकारी खरीद आरंभ हो जाएगी। इससे चावल का स्टॉक बढ़ने लगेगा।
खाद्य सचिव के मुताबिक सरकार दाल-दलहन बाजार पर गहरी नजर रखे हुए है और इसकी जमाखोरी की किसी भी संभावना को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
जहां तक गेहूं की बात है तो सरकार ने फिलहाल इस पर लगे आयात शुल्क को हटाने या विदेशों से उसे मंगाने के बार में कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन सारे विकल्प खुले हुए हैं और सही समय पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल स्थिति पर गहरी नजर रखी जा रही है।