iGrain India - अहमदनगर । महाराष्ट्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा बहुत कम होने से अनेक जिलों में खरीफ फसलों को भारी क्षति हो रही है जिसमें अहमदनगर भी शामिल है। इस जिले में पिछले डेढ़-दो महीनों से अच्छी बारिश नहीं होने से सूखे जैसा माहौल बना हुआ है।
कृषि विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि पिछले सात वर्षों के औसत उत्पादन की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान इस जिले में सोयाबीन, तुवर, बाजरा, कपास एवं मूंगफली जैसी फसलों की पैदावार में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ सकती है।
इसके चलते बीमा कंपनियों को फसल बीमा करवाने वाले किसानों को कुल बीमा राशि के कम से कम 25 प्रतिशत भाग का अग्रिम भुगतान करना चाहिए। नियमानुसार ऐसा होना जरुरी है अन्यथा एक निश्चित अवधि के बाद कंपनियों को 12 प्रतिशत पेनॉल्टी के साथ बीमा राशि का भुगतान करना होगा।
कृषि विभाग के मुताबिक जिले के ताल्लुकों में प्याज का उत्पादन 66 से 96 प्रतिशत तथा सात तालुकों में मक्का का उत्पादन 67 से 90 प्रतिशत तक घटने की संभावना है।
26 जून 2023 को सरकार ने निर्णय लिया था कि यदि अधिसूचित राजस्व बोर्ड में चालू वर्ष के दौरान प्राकृतिक आपदाओं की वजह से कृषि उत्पादन पिछले सात साल की औसत पैदावार की तुलना में 50 प्रतिशत से ज्यादा घटता है तो बीमा कंपनियों को बीमित किसानों को बीमा क्षतिपूर्ति के तौर पर 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।
सरकारी प्रावधानों के तहत कृषि विभाग के प्रतिनिधियों एवं बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों ने पिछले आठ दिनों के दौरान सूखाग्रस्त 14 तालुकों में फसलों का सर्वेक्षण एवं आंकलन किया और पिछले सप्ताह जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
इसमें कहा गया है कि अहमदनगर जिले में कुल 97 राजस्व मंडलों में से 46 मंडल में मूंगफली, 56 मंडल में कपास, 7 मंडल में मक्का, 75 मंडल में बाजरा, 10 मंडल में प्याज, 58 मंडल में तुवर, 57 मंडल में सोयाबीन, 1 मंडल में धान, 10 मंडल में उड़द तथा 44 मंडल में मूंग की 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हो गई है।