iGrain India - कोल्हापुर । मानसूनी वर्षा की भारी कमी से प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ना की फसल को हो रहे नुकसान के कारण चीनी के मिल डिलीवरी भाव एवं हाजिर बाजार मूल्य में पिछले एक माह के दौरान करीब 3 प्रतिशत का इजाफा हो गया।
चीनी का खुदरा मूल्य 40-45 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहा है। उधर महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एस-30 ग्रेड की चीनी का बेंचमार्क मिल डिलीवरी भाव जून में 3400 रुपए प्रति क्विंटल से उछलकर अब 3700 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गया है जबकि यह चीनी का सबसे छोटा दाना माना जाता है। और इसका दाम भी सबसे नीचे रहता है।
आपूर्ति पक्ष की चुनौतियों एवं मजबूत त्यौहारी मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अगस्त में पहले 23.50 लाख टन और फिर 2 लाख टन के साथ कुल 25.50 लाख टन चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी किया था।
इसी तरह सितम्बर माह में घरेलू बिक्री के लिए 25 लाख टन चीनी का कोटा घोषित हुआ है जो सितम्बर 2022 के कोटे से करीब 6 प्रतिशत ज्यादा है। इस भारी-भरकम कोटे के बावजूद चीनी के दाम में नरमी आने के संकेत नहीं मिल रहे हैं।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार महाराष्ट्र तथा कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में वर्षा की भारी कमी से गन्ना की फसल बुरी तरह प्रभावित होने लगी है।
महाराष्ट्र के कुल 36 में से आधे जिलों में तथा कर्नाटक के एक-तिहाई जिलों में इस बार वर्षा सामान्य औसत से कम या बहुत कम हुई है। इससे गन्ना की औसत उपज दर एवं चीनी की रिकवरी दर में काफी गिरावट आने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि देश में चीनी के उत्पादन में महाराष्ट्र पहले तथा कर्नाटक तीसरे नम्बर पर रहता है जबकि दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है। उत्तर प्रदेश में भी गन्ना का राज्य समर्थित मूल्य (सैप) बढ़ने की संभावना से चीनी का भाव तेज होने के संकेत मिलने लगे हैं।
त्यौहारी सीजन औपचारिक तौर पर आंरभ हो चुका है और आगामी दिनों में चीनी की मांग एवं खपत तेजी से बढने की संभावना है। चूंकि देश से चीनी का निर्यात पहले ही बंद हो चुका है इसलिए मिलर्स का सारा ध्यान घरेलू बाजार में इसकी बिक्री पर केंद्रित हो गया है।
सरकार बार-बार मिलर्स को आगाह कर रही है कि चीनी की बिक्री सिर्फ नियत कोटे के अनुरूप की जाए- इससे कम या ज्यादा नहीं। 2023-24 का नया मार्केटिंग सीजन अगले महीने यानी अक्टूबर 2023 से आरंभ होने वाला है।