iGrain India - नई दिल्ली । अगस्त तथा सितम्बर के लिए क्रमश: 25.50 लाख टन एवं 25 लाख टन का विशाल फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी होने के बावजूद चीनी के घरेलू बाजार मूल्य पर दबाव नहीं पड़ने से चिंतित केन्द्र सरकार अब अगले उपाय के तहत चीनी पर भंडारण सीमा आदेश (स्टॉक लिमिट ऑर्डर) लागू करने की संभावना पर विचार कर रही है।
जानकार सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह इस मुद्दे पर कोई निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में चीनी का एक्स फैक्टरी मूल्य 1 अगस्त को 3520/3550 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जो अब बढ़कर 3630/3670 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि चीनी पर स्टॉक सीमा अंतिम बार 2016 में लागू हुई थी जब सूखे की वजह से देश में गन्ना एवं चीनी का उत्पादन काफी घट गया था।
समझा जाता है कि केन्द्रीय खाद्य सचिव ने चीनी के एक्स फैक्टरी मूल्य में हुए इजाफे के बाद खुले बाजार भाव में आई तेजी पर सरकार की नाखुशी से उद्योग (मिलर्स) को अवगत करवा दिया है लेकिन मिलर्स ने कोई बड़ा कदम उठाने के बजाए सरकार को चीनी का फ्री सेल कोटा बढ़ाने का सुझाव दिया।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार के पास अनेक विकल्प मौजूद है जिसमें प्रत्येक मिल के लिए हरेक सप्ताह एक निश्चित मात्रा में चीनी बेचने का अनिवार्य नियम लागू करना भी शामिल है और सरकार के पास रिटर्न दाखिल करना जरुरी हो।
इसके अलावा मिलर्स के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य की भांति चीनी का उच्चतम बिक्री मूल्य भी निर्धारित किया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि ये सब महज अपवाद वाले नियंत्रण उपाय हैं जिसे सरकार अभी लागू नहीं करना चाहती है।
इसके बजाए फिलहाल व्यापारियों के लिए चीनी की भंडारण सीमा लागू करने पर विचार हो सकता है। खाद्य मंत्रालय चीनी के एक्स फैक्टरी मूल्य पर गहरी नजर रखे हुए है कीमतों के रुख के आधार पर अगले सप्ताह कोई ठोस निर्णय ले सकता है।
यदि भंडारण सीमा लागू हुआ तो इसकी अवधि 30 नवम्बर तक हो सकती है क्योंकि दिसम्बर से नई चीनी की व्यवस्थित आपूर्ति आरंभ हो जाएगी। मई 2016 में जब भंडारण सीमा लागू हुआ था तब कोलकाता में इसकी मात्रा 10,000 क्विंटल तथा अन्य भागों में 5000 क्विंटल निर्धारित की गई थी।