iGrain India - निजामाबाद । देश के प्रमुख हल्दी उत्पादक राज्यों में वर्षा की हालत अलग-अलग देखी जा रही है। हल्दी की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है और अब फसल के बेहतर विकास के लिए मौसम तथा मानसून का अनुकूल होना आवश्यक है।
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि तेलंगाना राज्य के सभी प्रमुख हल्दी उत्पादक जिलों में इस बार सामान्य औसत से अधिक वर्षा हुई है और इसलिए फसल की प्रगति संतोषजनक ढंग से हो रही है।
वहां सामान्य औसत की तुलना में निजामाबाद जिले में 49 प्रतिशत, जगत्याल में 51 प्रतिशत, निर्मल में 47 प्रतिशत, वारंगल में 24 प्रतिशत एवं मेहबूब नगर में 6 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।
इसी तरह आंध्र प्रदेश के गुंटूर एवं दुग्गीराला में 5 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है लेकिन अभी और बारिश की जरूरत है। मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश में शीघ्र ही वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है।
तमिलनाडु में वर्षा की सख्त आवश्यकता है क्योंकि वहां हल्दी के प्रमुख उत्पादक जिलों- इरोड में 22 प्रतिशत, कोयम्बटूर में 25 प्रतिशत तथा सलेम में 9 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
जहां तक महाराष्ट्र की बात है तो वहां हल्दी के एक महत्वपूर्ण उत्पादक जिला- नांदेड में सामान्य औसत से 22 प्रतिशत अधिक बारिश होने से फसल की हालत अच्छी है लेकिन हिंगोली में 40 प्रतिशत एवं सांगली में 38 प्रतिशत कम वर्षा होने से स्थिति ठीक नहीं है।
वहां तत्काल वर्षा की जरूरत है। इसी तरह कर्नाटक के बगलकोट जिले में 3 प्रतिशत तथा बेलगाम जिले में 12 प्रतिशत कम वर्षा होने से हल्दी की फसल को और बारिश की आवश्यकता है।
राहत की बात यह है कि मौसम विभाग ने इन सभी राज्यों में 6 से 10 सितम्बर के बीच कहीं सामान्य तो कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।