iGrain India - नई दिल्ली । रोकथाम के तमाम उपायों एवं प्रयासों के बावजूद बढ़ती खाद्य महंगाई ने सरकार की नींद हराम कर दी है। दलहनों के संवर्ग में पहले तुवर एवं उड़द का भाव रॉकेट की रफ्तार से ऊपर चढ़ा जबकि अब चना, मूंग तथा मसूर की कीमतों में भी तेजी का सिलसिला आरंभ हो गया है।
सरकार तुवर एवं उड़द के लिए व्यापारियों, मिलर्स एवं आयातकों को स्टॉक की नियमित घोषणा करने का निर्देश पहले ही दे चुकी है जबकि अब मूंग तथा मसूर के लिए स्टॉक डिक्लेरेशन का आदेश शीघ्र ही जारी कर सकती है।
इसके साथ-साथ सरकार ने अपनी दो एजेंसियों- नैफेड तथा एनसीसीएफ के जरिए मूंग और चना दाल की बिक्री बढ़ाने का प्लान बनाया है। सरकारी चना दाल की बिक्री पहले से ही चल रही है।
बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सरकार जल्दी ही कुछ अन्य आवश्यक खाद्य उत्पादों की बिक्री सस्ते दाम पर आरंभ करने की घोषणा बना सकती है जिसमें प्याज को भी शामिल किए जाने की संभावना है।
समझा जाता है कि जुलाई के बाद अगस्त में भी खाद्य महंगाई का ग्राफ ऊपर रहा जिससे आम लोगों की कठिनाई एवं सरकारी की चिंता बढ़ गई है।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने कहा है कि विदेशों से दलहन का आयात करने वालों को सभी दलहनों के स्टॉक की जानकारी देनी होगी। समझा जाता है कि सरकार के पास इस बात की सूचना है कि कुछ आयातक मसूर की जमाखोरी (होर्डिंग) कर रहे हैं और उसके स्टॉक को घरेलू बाजार में नहीं उतार रहे हैं।
जानकार सूत्रों के अनुसार अब स्टॉकिस्टों को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर तुवर, उड़द एवं चना के साथ मसूर के स्टॉक का विवरण भी अपलोड करना आवश्यक होगा। सरकार की ओर से शीघ्र ही दलहन स्टॉक घोषणा आदेश के बारे में आवश्यक जानकारी दिए जाने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में सभी प्रमुख दलहनों एवं दालों की कीमतों में काफी तेजी आई है क्योंकि अगस्त में वर्षा का भारी अभाव होने से दलहन फसलों के उत्पादन में गिरावट की आशंका बढ़ गई।
ध्यान देने की बात है कि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान तुवर, उड़द एवं मूंग का रकबा भी काफी घट गया है। उधर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मौसम प्रतिकूल होने से मसूर के उत्पादन में काफी कमी आने की संभावना है जिससे इसका भाव आगामी महीनों में और भी तेज हो सकता है।