iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने मसूर के अनिवार्य स्टॉक डिक्लेरेशन के लिए एडवायजरी जारी कर दी है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इसके तहत प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर मसूर के स्टॉक का विवरण देना अनिवार्य होगा।
मसूर के जिस स्टॉक का विवरण नहीं दिया जाएगा उसे जामखोरी (होर्डिंग) माना जाएगा। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा आज यानी 6 सितम्बर को अपराह्न 4.40 बजे जारी इस एडवायजरी में कहा गया है कि सभी संबध पक्षों को विभाग के पोर्टल पर प्रत्येक सप्ताह मसूर के अपने बचे हुए स्टॉक का पूरा विवरण उपलब्ध करवाना होगा।
यह आदेश (एडवायजरी) तुरंत लागू हो गया है। प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार को मसूर के स्टॉक का विवरण देना अनिवार्य है। यदि विवरण की मात्रा से आगे या गैर विवरण वाला कोई स्टॉक पाया जाता है तो उसे जमाखोरी (गैर क़ानूनी-स्टॉक) माना जाएगा और स्टॉक रखने वाले के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसी एक्ट) के तहत उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने साप्ताहिक मूल्य समीक्षा बैठक के दौरान मसूर की बफर खरीद का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया है जिसका उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास प्रचलित मूल्य पर उपलब्ध स्टॉक की खरीद सुनिश्चित करना है।
यह निर्देश ऐसे समय में दिया गया है जब नैफेड एवं एनसीसीएफ ने विदेशों से आयातित मसूर की खरीद के लिए अपने टेंडर को स्थगित कर दिया है। समझा जाता है कि समूहीकरण के तहत कुछ आपूर्तिकर्ताओं ने जो बिड जमा किया था उसमें मसूर का भाव काफी ऊंचा रखा था।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने कहा कि ऐसे समय में, जब कनाडा से मसूर के आयात का प्रवाह बढ़ रहा है तथा अफ्रीकी देशों से तुवर का आयात आरंभ होता है तब कुछ लोग आम उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ बाजार को मैनीपुलेट करने का प्रयास कर रहे हैं जो देश के विरुद्ध है। सरकार सम्पूर्ण घटनाक्रम की गहन निगरानी कर रही है और बाजार में स्टॉक उतरवाने के लिए सख्त उपाय लागू करेगी।