iGrain India - नई दिल्ली । अगले महीने से आरंभ होने जा रहे 2023-24 के नए गन्ना पेराई सीजन के दौरान देश में चीनी का उत्पादन घटने की संभावना को देखते हुए केन्द्र सरकार एहतियाती उपाय के तहत निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध तो शायद नहीं लगाया जाएगा लेकिन 25 प्रतिशत तक का सीमा शुल्क लगाया जा सकता है।
मालूम हो कि शीरा से एथनॉल बनाया जाता है जिसका उपयोग अन्य कार्यों के साथ-साथ पेट्रोल में मिश्रण के लिए भी होता है। सरकार को आशंका है कि अगले सीजन में गन्ना एवं चीनी का उत्पादन घटने में शीरा की उपलब्धता में कमी आ सकती है।
जानकार सूत्रों के अनुसार यद्यपि शीरा के निर्यात पर सीमा शुल्क लगाने का प्रस्ताव पिछले कुछ समय से विचाराधीन है लेकिन समझा जाता है कि वित्त मंत्रालय को अब इसके महत्व का अहसास हुआ है और इसलिए वह इसकी अधिसूचना जल्दी ही जारी कर सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शीरा के निर्यात को नियंत्रित करने हेतु जल्दी से जल्दी कोई निर्णय लेना बहुत आवश्यक है क्योंकि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के लिए पेट्रोल में 15 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य नियत किया गया है और इसे हासिल करने के लिए डिस्टीलरी को पर्याप्त मात्रा में शीरा उपलब्ध होना जरुरी है।
2022-23 के मार्केटिंग सीजन के लिए पेट्रोल में 12 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित हुआ था। यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि सरकार ने अनाज से एथनॉल बनाने वाली इकाइयों को चावल बेचना बंद कर दिया है।
यद्यपि सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए अभी तक चीनी का उत्पादन अनुमान जारी नहीं किया है लेकिन शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अपने प्रथम अनुमान में 316.80 लाख टन चीनी के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 328 लाख टन से 11.20 लाख टन कम है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2022-23 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) में कुल 16.09 लाख टन का शिपमेंट हुआ था जिसमें 2034 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी।