iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। यद्यपि तुवर, उड़द, मूंग एवं चना के मुकाबले मसूर के दाम में कम रफ्तार से वृद्धि हो रही है लेकिन सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए सभी दलहन कारोबारियों, आयातकों एवं मिलर्स को मसूर के स्टॉक का विवरण प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश जारी कर दिया है।
यह आदेश (एडवायजरी) 6 सितम्बर को जारी होने के साथ ही लागू भी हो गया। दाल-दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुधरने एवं कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार नियंत्रित रूप से अनेक कदम उटाह रही है और यह नया आदेश भी उसी का एक हिस्सा है।
उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है कि सभी सम्बद्ध पक्षों को मसूर के स्टॉक विवरण का खुलासा करना अनिवार्य है। यदि कोई स्टॉक छुपाया गया और बंद में इसका पता चला तो उसे जमाखोरी माना जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत इसके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने अपने विभाग को निर्देश दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास की कीमत पर यदि कहीं मसूर का स्टॉक उपलब्ध है तो उसकी तुरंत खरीद की जाए। दरअसल नैफेड एवं एनसीसीएफ ने विदेशों से आयातित मसूर की खरीद के लिए टेंडर जारी किया था लेकिन जब आपूर्तिकर्ताओं की ओर से काफी ऊंचे दाम पर ऑफर सामने आया तब टेंडर को स्थगित कर दिया गया।
उपभोक्ता मामले विभाग को लगता है कि इस मसूर की खरीद की जा सकती है क्योंकि आयातकों को पता चल गया है कि बफर स्टॉक के लिए सरकार अत्यधिक ऊंचे दाम पर मसूर खरीदने की इच्छुक नहीं है।
आमतौर पर अगस्त माह के दौरान कनाडा में मसूर तथा अफ्रीकी देशों में तुवर की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होती है और भारत में इसके नए माल का आयात भी होने लगता है।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव को आशंका है कि कुछ लोग उपभोक्ताओं एवं देश के हित के खिलाफ आयातित दलहनों का स्टॉक रोककर बाजार को मैनीपुलेट कर रहे हैं। सरकारी सारी गतिविधियों पर गहरी नजर रखी रही है और दलहनों के स्टॉक को खुले बाजार में उतरवाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।