iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) ने 2023 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में किसानों से 5450 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी गई सरसों के बड़े भाग की बिक्री करने के निर्णय लिया है।
इसके तहत 18 सितम्बर 2023 को इसकी बिक्री का टेंडर जारी होगा। इस टेंडर के तहत राजस्थान में सर्वाधिक 4,85,709.45 टन एवं हरियाणा में 341758.49 टन सरसों की बिक्री का ऑफर दिया जाएगा।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में 1,67,090.96 टन, गुजरात में 84,336.97 टन तथा उत्तर प्रदेश में 32368.37 टन सरसों के स्टॉक को खुले बाजार में बेचने का निर्णय लिया गया है। इसका टेंडर भी 18 सितम्बर को ही जारी होगा।
उल्लेखनीय है कि नई फसल की जोरदार आवक शुरू होने पर जब थोक मंडियों में सरसों का भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे आ गया था तब नैफेड ने किसानों से इसकी खरीदारी शुरू की थी।
उधर हरियाणा में प्रांतीय एजेंसी- हैफेड द्वारा सरसों की खरीद की गई। इन दोनों एजेंसियों द्वारा कुल मिलाकर करीब 14 लाख टन सरसों की खरीद की गई जिसमें नैफेड की भागीदारी 11.25 लाख टन एवं नैफेड की हिस्सेदारी 2.75 लाख टन की रही।
चूंकि सरसों का थोक मंडी भाव अब सुधरने लगा है इसलिए नैफेड को कुछ ऊंचे दाम पर अपने स्टॉक की बिक्री करने में सफलता मिलने की उम्मीद है। सरसों तेल का भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है।
त्यौहारी सीजन में खाद्य तेलों की मांग एवं खपत में होने वाली बढ़ोत्तरी को ध्यान में रखते हुए नैफेड ने बिल्कुल सही समय पर अपने स्टॉक की सरसों को बेचने का निर्णय लिया है।
सनद रहे कि उससे पिछले दो सीजन के दौरान सरसों की खरीद में सरकारी एजेंसियों को सफलता नहीं मिली थी क्योंकि इसका थोक भाव समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा था।