iGrain India - पुणे । चीनी के घरेलू उत्पादन में प्रथम एवं तीसरे नम्बर के राज्य- महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अगस्त महीने के दौरान मानसूनी बारिश का भारी अभाव रहने से गन्ना की फसल के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया था और अगले सीजन में चीनी का उत्पादन काफी घटने की आशंका जताई जाने लगी थी।
लेकिन मौसम विभाग ने कहा है कि चालू माह (सितम्बर) के दौरान कई अन्य प्रांतों के साथ-साथ महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में भी मानसून की अच्छी बारिश हो सकती है।
इसकी शुरुआत इसी सप्ताह विदर्भ संभाग से होने की उम्मीद है जबकि 8 से 10 सितम्बर के दौरान मराठवाड़ा संभाग, पश्चिमी महाराष्ट्र एवं मध्यवर्ती क्षेत्र में भी वर्षा होने के आसार हैं।
उधर कर्नाटक में भी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गयी है। यह वर्षा बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दाब के क्षेत्र की वजह से होगी। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य सितम्बर के आसपास एक अन्य कम दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है जिससे अच्छी बारिश हो सकती है।
अगस्त तक जिन क्षेत्रों में अनावृष्टि के कारण गन्ना की फसल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई उसे बनाना तो शायद संभव नहीं होगा लेकिन अन्य भागों में इस संभावित वर्षा से फसल को नया जीवन दान मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी प्राकृतिक आपदाओं के कारण महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में गन्ना की फसल क्षतिग्रस्त हुई थी जिससे 2022-23 के मार्केटिंग सीजन के दौरान वहां चीनी के उत्पादन में गिरावट आ गई।
कर्नाटक के उत्पादन में आई गिरावट के कारण राष्ट्रीय स्तर पर चीनी का उत्पादन 2021-22 सीजन के 358 लाख टन से 30 लाख टन घटकर 2022-23 में 328 लाख टन पर सिमट गया।
महाराष्ट्र में उत्पादन 2021-22 में 137 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था जो 2022-23 में 32 लाख टन घटकर 105 लाख टन सिमट गया। इस बार वहां उत्पादन कुछ और घटने की संभावना है क्योंकि कुछ क्षेत्रों में वर्षा के अभाव में फसल को सूखते देख किसानों ने गन्ना की कटाई करके पशु चारे के रूप में उसका इस्तेमाल कर लिया।